नागपुर: राज्य में बिजली उत्पादन प्रकल्पों में कोयले की कमी को दूर करने के लिए रेल विभाग द्वारा विशेष व्यवस्था की जा रही है। रेल मंत्रालय ने विभाग को कोयले की ढुलाई करने वाली मालगाड़ियों को प्रधानता देने का आदेश दिया है। इस आदेश का असर पैसेंजर गाड़ियों पर पड़ा है।
कई गाड़ियां देरी से तो किसी को रद्द करने की नौबत आ चुकी है। महाराष्ट्र के विद्युत उत्पादन प्रकल्पों में प्रमुखतः मध्यप्रदेश की खदानों से कोयले की आपूर्ति होतो है। वर्ष में कई बार कोयले का स्टॉक कम हो जाने की वजह से जनता को लोडशेडिंग का खामियाज़ा भुगतना पड़ता है। जिसे लेकर राज्य द्वारा कई बार केंद्र से शिकायत की जा चुकी है। अब राज्य के बिजली उत्पादन प्रकल्पों में कोयला पहुँचाने वाली मालगाड़ियों को प्रधनता दी गई है। जो राहत की बात है। रेल्वे बोर्ड से जारी आदेश के बाद ईतवारी स्टेशन से छूटने वाली ईतवारी-टाटानगर पैसेंजर को रद्द कर दिया गया है।
इसके साथ गोंदिया से कोल्हापुर के लिए जाने वाली महाराष्ट्र एक्सप्रेस हर मंगलवार को अब अपने तय समय से पौने दो घंटा देरी से छूटेगी। गोंदिया से ईतवारी के लिए नियमित गाड़ी मंगलवार के दिन आधा घंटा देरी से जबकि तिरोड़ा-ईतवारी पैसेंजर तिरोड़ा स्टेशन से एक घंटा देरी से छूटेगी।
गौरतलब हो की 27 सितंबर 2017 को राज्य के 15 से 14 बिजली उत्पादक प्रकल्प में कोयले की कमी आ गई थी। अमरावती,भुसावल,परली औष्णिक बिजली उत्पादन प्रकल्प में मात्र एक दिन के कोयले का संचन मात्र था।
वर्त्तमान में दिसंबर का महीना शुरू है। कयास है की अप्रेल या मई 2019 में देश में आम चुनाव होगा। महाराष्ट्र में ही इसी दौरान चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में लोडशेडिंग की स्थिति खड़ी होना सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। लोडशेडिंग की स्थिति न बने और इसका मतों में परिणाम न हो इसे देखते हुए सरकार ने चार महीने पहले से ही प्रकल्पों में कोयले का स्टॉक जमा करने की व्यवस्था कर ली है।