Published On : Tue, Jul 17th, 2018

सड़कों के गड्ढे भरने की जिम्मेदारी मनपा की

Chandrakant-Patil

Nagpur : सार्वजनिक निर्माण कार्य व राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधान परिषद में कहा कि सड़कों पर गड्ढे भरने की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय संस्थाओं की है पीडब्ल्यूडी की नहीं. दरअसल विधायक संजय दत्त ने विधान परिषद में सड़कों पर गड्ढों के कारण हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की हो रही मौतों के विषय पर स्थगन प्रस्ताव लाया था.

दत्त ने कहा कि मुंबई, कल्याण सहित राज्यभर में सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जो बारिश में खतरनाक हो गए हैं. कल्याण में 5 लोगों की मौत गड्ढे के कारण दुर्घटना में हुई है. इन मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार है और संबंधित अधिकारियों पर सदोष वध का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

Gold Rate
18 Aug 2025
Gold 24 KT ₹ 1,00,100 /-
Gold 22 KT ₹ 93,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,15,400/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

अधिकारी जवाब देते हैं कि बारिश के कारण सड़कों में गड्ढे होते हैं, दत्त ने कहा कि ऐसी अनेक जगह हैं जहां 12 महीने बारिश होती है लेकिन वहां की सड़कें खराब नहीं होतीं. राज्य में घटिया दर्जे की सड़कें बनाने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेट क्यों नहीं किया जाता. विधायक जगन्नाथ शिंदे ने कहा कि 5-5 वर्ष गड्ढे नहीं भरे जाते, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है.

सरकार है जिम्मेदार
विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि गड्ढों के कारण हो रही जानलेवा दुर्घटनाओं के लिए सरकार जिम्मेदार है. मुंबई, पुणे, नागपुर, चंद्रपुर सहित पूरे राज्य में दुर्घटनाएं हो रही हैं. ऐसे ही ठेकेदारों को बार-बार ठेका दिया जाता है. कल्याण में एक गड्ढे के कारण 3-4 मौतें हुईं. यह गंभीर विषय है जिस पर सभापति सदन में चर्चा की अनुमति दें. विधायक भाई जगताप ने कहा कि दुर्घटनाओं पर यह सरकार तो संवेदना भी व्यक्त नहीं करती.

उन्होंने कहा कि गड्ढे के कारण अपने बेटे को खोने वाले एक पिता ने गड्ढे भरने की मांग को लेकर मृत बेटे के लिए उस गड्ढे में दही-भात रखा फिर इस सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा. करोड़ों रुपयों से पहले रोड बनाया जाता है. फिर 6 महीने में वह उधड़ जाती है और उसके गड्ढे भरने के लिए फिर करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. उन्होंने कहा कि जिम्मेदारों के खिलाफ 304 का मामला दर्ज कर जेल में डालो. इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी ही चाहिए.

पाटिल ने व्यक्त की दिलगिरी
विपक्ष ने चंद्रकांत पाटिल पर आरोप लगाया कि उन्होंने गड्ढे के कारण हुई दुर्घटना के एक मामले में यह वक्तव्य दिया था कि केवल गड्ढों के कारण ही दुर्घटना नहीं होती. इस पर पाटिल ने कहा कि उनके कहने का आशय यह था कि दुर्घटना के अन्य कारण भी होते हैं लेकिन उनके वक्तव्य से किसी को दुख पहुंचा हो तो वे दिलगिरी व्यक्त करते हैं.

उन्होंने कहा कि शहरों में गड्ढे भरने की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय संस्थाओं की होती है पीडब्ल्यूडी की नहीं. उन्होंने बताया कि अब टेंडर में शर्त डाली गई है कि सड़क निर्माण के बाद 2 वर्ष तक गड्ढे भरने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी.

इस समस्या से निपटने के लिए डामर की बजाय राज्यभर 22000 किमी नेशनल हाईवे सीमेन्ट का बनाया जा रहा है. इसके अलावा शहरों व ग्रामीण इलाकों में भी सीमेन्ट की सड़कें बनाई जा रही हैं जिसमें खराबी की दुरुस्ती की 12 वर्षों तक जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी. सभापति रामराजे निंबालकर ने इस मुद्दे को राज्य स्तर का विषय बताते हुए अन्य डिवाइस पर रखने का सुझाव देते हुए कामकाज में शामिल नहीं करने की घोषणा की और सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित कर दी.

Advertisement
Advertisement