Published On : Sat, Feb 22nd, 2020

आरएसएस के गढ़ में चंद्रशेखर आजाद की सरसंघचालक को चुनौती

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चंद्रशेखर आजाद ने कहा ‘ यह लड़ाई सविंधान और मनुस्मृति के बीच है

नागपुर: सरकार से बड़ी ताकत न्यायलय के पास है और न्यायलय से बड़ी ताकत लोगों के पास है. तिरंगा हमारी जान है और हम पुरे देश में तिरंगा फहराएंगे. इस बेहतरीन मुल्क को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब हम पर है. हमारा धर्म मानवता है. हमारे देश पर पहले भी हमले हुए है और अंग्रेजो ने भी हम पर हुकूमत की है और आंदोलनों के माध्यम से ही हमें आजादी मिली है. यह लड़ाई सविंधान और मनुस्मृति के बीच है और मनुस्मृति पर संविधान भारी है. सरकार बदलती रहती है पर सोच नहीं बदलती. हमारे वोट सभी को चाहिए. लेकिन हमारी आवाज किसी को नहीं चाहिए. यह कहना है भीम आर्मी के संस्थापक एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण का. वे रेशमबाग में स्थित भीम आर्मी नागपुर जिला कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ भी आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा की पिछली बार राज्य में भाजपा की सरकार थी तब उन्हें मुंबई में होटल में बंद किया गया था. लेकिन इस बार सरकार दूसरी होने के बावजूद भी मुंबई में अनुमति नहीं गई थी. यह इनका अजेंडा है की इस देश के पिछडो, अल्पसंख्यकों को सताया जाए और इसी के तहत सीएए,एनपीआर,एनआरसी को लाया गया. इस मुल्क को बचाने के लिए हम कफ़न बांध कर निकले है.

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यह हमारा मुल्क है इसे हमें बचाना है. चंद्रशेखर ने कहा की सरकार बदलेगी और जब बदलेगी तो सबका हिसाब लिया जाएगा. उन्होंने कहा की हम शिक्षा, जीडीपी, बेरोजगारी पर बात करना चाहते है. लेकिन इस सरकार ने नोटबंदी की तरह सभी को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा की न्यायलय ने कहा था की आप प्रधानमंत्री का सम्मान करे. मैंने उनसे कहा की पहले प्रधानमंत्री देश की जनता का सम्मान करे. नागपुर पुलिस ने कहा था की रेशमबाग में कार्यक्रम होने से दो विचारों का टकराव है. लेकिन बिलकुल सही है यह मनुस्मृति और संविधान के बीच टकराव है. उन्होंने कहा की भाजपा को आरएसएस चलाता है. उन्होंने संघ से कहा है चोला उतारिये और खुलेआम राजनीती में आईये. दूसरे के कंधो पर रखकर गोली नहीं चलायें. उन्होंने आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत को लेकर कहा की कई बार उन्होंने आरक्षण की समीक्षा की बात कही है. इस दौरान उन्होंने भागवत को डिबेट की चुनौती दी है. उन्होंने कहा की आनेवाला समय बहुजनो का होगा.

इस दौरान आईएएस कोच समीर सिद्दीकी, मालखित सिंह, अशोक कांबले ने भी इस दौरान सीएए,एनपीआर, एनआरसी का विरोध किया और सभी को एक होकर इसका मुकाबला करने की बात कही.

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