Published On : Mon, Sep 14th, 2020

सीमेंट सड़क:गायब कागजात ठेकेदार के सहयोगी PARTNER से RECOVER करेंगे

Advertisement

– मनपा अधीक्षक अभियंता के निर्देश पर कार्यकारी अभियंता का जवाब

नागपुर ‘नया गड़ी,नया राज’ नहीं बल्कि ‘अंधेर गर्दी चौपट राजा’ की भांति मनपा प्रशासन का रुखा व्यवहार से सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सभी हैरान-परेशान हैं.न आय,न भुगतान,न व्यवस्था सिर्फ दर्शाई जा रही व्यस्तता।इसकी सूक्ष्मता से अध्य्यन करेंगे तो शिवाय भ्रस्टाचार के अलावा कुछ नज़र नहीं आएगा।मनपा प्रशासन को न सूचना अधिकार का खौफ और न ही न्याय व्यवस्था का,इसलिए मनपा के घाघ अधिकारियों की खुलेआम मनमानी जारी हैं.ऐसा ही कुछ आलम मनपा लोककर्म विभाग का हैं.

Gold Rate
06 May 2025
Gold 24 KT 97,000/-
Gold 22 KT 90,200/-
Silver/Kg 96,900/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

विभाग के अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार सह कार्यकारी अभियंता,उप अभियंता,वित्त विभाग आदि एक RTI आवेदन से खिलवाड़ कर रहे.अर्थात इन्हें अपील,द्वितीय अपील व आयोग का रत्तीभर खौफ नहीं।अधीक्षक अभियंता से सम्बंधित सीमेंट सड़क के फेज-2 की जानकारी मांगी गई.जिसका जवाब अधूरा दिया गया.शेष जानकारी के लिए वित्त विभाग की ओर उंगलियां दिखाई जा रही.जिसका खंडन करने के बजाय वित्त विभाग भी चुप्पी साधे बैठा हैं.
जब आरटीआई कार्यकर्ता ने आधे-अधूरे की जानकारी अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार को दी तो उन्होंने लकडग़ंज जोन के कार्यकारी अभियंता मार्फ़त यह सन्देश भिजवाया कि कह दो ‘ठेकेदार से मांग कर देंगे’.

इस जवाब पर आरटीआई कार्यकर्ता का सवाल था कि LEAD PARTNER के अनुभव के आधार पर ठेका वितरित हुआ और विभाग सम्पूर्ण कागजी व्यवहार सहयोगी पार्टनर के नाम पर कर रहा और तो और विभाग कहता हैं कि उसे कुछ नहीं पता,इसकी जानकारी अधीक्षक अभियंता कार्यालय को ही होंगी। अर्थात ‘दाल में काला नहीं बल्कि सम्पूर्ण दाल ही काली’ नज़र आ रही.इसके बावजूद अधीक्षक अभियंता तालेवार मामला लकड़गंज जोन के मत्थे मढ़ उससे कहलवाते हैं कि कह दो विभाग में कागजात नहीं !

क्या इसका मतलब यह समझा जाए कि बोगस ठेका प्रक्रिया हुआ और तब से बोगस व्यवहार शुरू हैं ?

आरटीआई कार्यकर्ता ने मनपायुक्त राधाकृष्णन बी से मांग की हैं कि उक्त घटना के प्रथमदर्शीय उक्त धांधली के सरगना को घर बैठाएं जाँच पूर्ण होने तक ठेकेदार का बकाया भुगतान रोक सह SECURITY DEPOSIT जप्त करें।

उक्त मामले को गर मनपायुक्त ने भी गंभीरता से न लिया तो आरटीआई आवेदक न्याय हेतु न्यायालय की शरण में जा सकता हैं.

Advertisement
Advertisement