भंडारा। सस्ते राशन की दुकान वापस देने के लिए 20,000 रूपये की रिश्वत मांगने वाले सरपंच और दो लोगों को एसीबी टीम ने रंगेहाथ धार दबोचा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता की बहन के पती का निधन 15 वर्ष पहले हुआ. उनकी सस्ते राशन की दुकान है. जिसका कारोबार शिकायतकर्ता देखता था. ऐसा अधिकार पत्र भी शिकायतकर्ता को उसकी बहन ने लिखकर दिया था. लेकिन ग्राम कोथुर्णा के विवादमुक्त के अध्यक्ष नवलकिशोर देवराव लांजेवार और सरपंच राजेंद्र लांजेवार ने जिला आपूर्ति अधिकारी, भंडारा में की गई शिकायत से फरवरी 2015 में शिकायतकर्ता से दुकान वापस ली गई.
13 अप्रैल को शिकायतकर्ता की बहन ने दुकान वापस लेने के लिए तहसीलदार भंडारा को पत्र लिखा. शिकायतकर्ता को तहसील कार्यालय से बताया गया कि, ग्राम कोथुर्णा के विवादमुक्त अध्यक्ष और सरपंच बार-बार राशन दुकान की शिकायत कर रहे है. उनसे अनुमति पत्र लेकर आये उसके बाद सोचेंगे. शिकायतकर्ता दिलीप गायधने (43) कोथुर्णा सरपंच से मिले. इस दौरान सरपंच ने अनुमति पत्र देने के लिए 20,000 रूपये की रिश्वत की मांग की. जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता ने एसीबी विभाग भंडारा में की.
शिकायत के आधार पर 7 मई को एसीबी टीम ने जाल बिछाया. 20,000 रूपये की रिश्वत लेते हुए दिलीप गायधने ने पैसे छगन शिवशंकर चोपकर (27) को दिए. इसी दौरान तुरंत एसीबी टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ पो.स्टे भंडारा में भादंवि की धारा 7,12,13 (1) (ड) सहकलम 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उक्त कार्रवाई पुलिस उप अधिक्षक प्रशांत कोलवाडकर, पुलिस निरीक्षक किशोर पर्वते, पो.नि. जिवन भातकुले, स.फौ. हेमंतकुमार उपाध्याय, पो.ह.वा. बाजीराव चिंधालोरे, युवराज उइके, ना.पो.का. अशोक लुलेकर, गौतम राउत, सचिन हलमारे आदि टीम ने की.