Published On : Thu, Oct 7th, 2021

महानिर्मिती में C.S.R. दर लागू नहीं किया जा सकता

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– विधुत विशेषज्ञों तथा कंपनी नियोक्ता का स्पष्टीकरण

नागपुर – महानिर्मिती के थर्मल पावर प्लांट के कार्यों में C.S.R. दर लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि C.S.R. दर मे कोई भी ठेका कंपनी तथा श्रमिक कार्य नही कर सकते हैं।महानिर्मिती के विशेषज्ञों की माने तो तो C.S.R. के हिसाब से कार्य करने पर ठेका कंपनी सहित श्रमिकों को भूखों मरने की नौबत आ सकती है।

विधुत विशेषज्ञों के अनुसार उदाहरण के तौर पर C.S.R. दर के मुताबिक 3 मीटर बिजली केबल की दर 100 रुपैया,और ट्यूब लाईट की कीमत 100 रुपैया है।जिसमे केबल और लाईट फिटिंग के कार्यों के लिए 1 लाईनमैन और दो लाईन हैल्पर सुबह 10 बजे पावर प्लांट के स्टोर से आवश्यक सामग्रियां लेकर 2 किलोमीटर की दूरी बिजली पोल के पास पंहुचेंगे। पुराना केबल व पुराना ट्यूब लाईट निकालकर जमीन पर सुरक्षित रखैंगे पश्चात पोल बाक्स की साफ सफाई करेंगे।फिर नये ट्यूब लाईट तथा नया बिजली केबल फिट करेंगे। तत्पश्चात पुराना सामान तथा सीढ़ी वापस स्टोर्स में जमा करना पडेगा।

इस कार्य 3 श्रमिकों का में पेट्रोल खर्च रुपये 100,तीन श्रमिकों जिसमे कुशल श्रमिक लाईनमैन की मजदूरी रुपये 600 और 2 अर्धकुशल श्रमिकों की मजदूरी रुपये 800 इसका कुल खर्च रुपया 1500 हुआ। विशेषज्ञों की माने तो C.S.R. दर के हिसाब से कार्य करने के लिए श्रमिकों को निशुल्क कार्य करना पडेगा।उनका कहना है कि है कोई माई का लाल C.S.R. दर के मुताबिक ठेकेदारी तथा निशुल्क कार्य करने वाले श्रमिकों को अगर निधि के अभाव मे दो महिने पगार भुगतान मे बिलम्ब हुआ तो राशन पानी लेकर पावर प्लांट के द्वार पर बहिष्कार धरणा देने तथा मुरादाबाद के नारे लगाना शुरु कर दिया जाएगा।

विगत माह में एक विधुत ठेकेदार द्वारा C.S.R. दर को लेकर आरोप प्रत्यारोप तथा पत्रपरिषद आयोजित करके महानिर्मिती के अधिकारियों तथा संबंधित कंपनी को हलाकान करने का प्रयास किया गया था। संबंधित कंपनी नियोक्ता का इस संबंध में कहना है कि आरोप लगाना और कहना सरल है परंतु उस कथनानुसार पूरा करना बहुत ही कठिन है।उन्होंने कोर्ट में इसका जिंदा सबूत और प्रमाण सहित प्रतिउत्तर देने की वकालत की है।