Published On : Tue, Dec 30th, 2014

भद्रावती : वर्धा नदी से रात में बेखौफ होती है रेत की चोरी

 

  • माजरी के पाटाला रालेगांव में 120 ब्रास रेत जब्त
  • गुप्त सूचना के आधार पर भद्रावती तहसीलदार के आदेश पर मंडलाधिकारी ने की कार्रवाई
Sand Truck

File Pic

भद्रावती (चंद्रपुर)। भद्रावती तहसील के पाटाला रालेगांव में भद्रावती राजस्व विभाग के दल ने वर्धा नदी से अवैध रूप से निकाले गए 120 ब्रास रेत जब्त की है. जब्त रेत की कीमत करीब दो लाख रुपये आंकी गई है.

सूत्रों के मुताबिक रालेगांव में वर्धा नदी से गत कुछ माह से अवैध रेत का उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है. यह काम रात दस बजे से तड़के चार बजे तक बेखौफ जारी रहता है. पर्यावरण संरक्षण के नाम पर रेत घाटों की नीलामी नहीं करने से रेत तस्करी को बढ़ावा मिला है. इसकी वजह से भद्रावती तहसील के दर्जनों रेत घाटों से अवैध उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है. रात के समय महसूल विभाग के अधिकारियों ने रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने में असमर्थता जताई थी जिसका मुख्य कारण रेत माफियाओं का संगठित होकर हमला करने का डर है. इस डर का फायदा इस समय रेत माफिया उठाते हुए प्रतिदिन करोड़ो की रेत चोरी कर रहे हैं.

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इस संबंध में भद्रावती तहसीलदार उमेश कुमावत ने नागपुर टुडे को बताया कि रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई है तथा नोटिस भेजकर अवैध रूप से जमा किये गए 120 ब्रास रेत के विषय में सफाई मांगी गई है. रेत चोरी करने वालों का पक्ष जानने के बाद ही उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. ज्ञात हो कि पाटाला के रालेगांव में वर्धा नदी की रेतघाट से प्रतिदिन तीस से चालीस ट्रैक्टर रेत रात के समय नियमित ढुलाई करते हैं और रालेगांव रेतघाट से दो किलोमीटर की दूरी पर वर्धा नदी का पुल पार करने के बाद चंद्रपुर जिले से यवतमाल जिले में प्रवेश कर जाते हैं और थाना क्षेत्र भी बदल जाता है. जिसका फायदा रेत माफिया ने सेटिंग करके राज्य सरकार की तिजोरी पर डाका डालने के साथ ही पर्यावरण विभाग के आदेशों को भी ठेंगा दिखाने का कार्य जारी रखा है. रेत जब्त करने वाले राजस्व विभाग के दल में शामिल मंडलाधिकारी एन.एम.काले, पटवारी दड़मल, परचाके, कायरकर तथा कोतवाल अजय मेश्राम (माजरी), वानखेड़े (कुचना), विजय उईके (नंदोरी) ने घटनास्थल पर पंचनामा कर तहसीलदार उमेश कुमावत को जानकारी दी.

भद्रावती तहसीलदार की कर्रवाई का असर अभी तक रेत माफियाओं पर नकेल कसने में नाकाफी साबित हो रहा है. रेत माफियाओं पर नकेल कसने के लिए स्थानीय पुलिस का सहयोग जरुरी है जो कि नहीं मिल  है. इससे रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.

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