Published On : Thu, Feb 21st, 2019

छत्तीसगढ़ में कश्मीर से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान मारे जाते हैं फिर क्यों न कही बायकॉट की बात ?

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श्रीनगर: पुलवामा अटैक के बाद देश के कई हिस्सों में कथित तौर पर कश्मीरी छात्रों और लोगों के खिलाफ हिंसा को लेकर नैशनल कान्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यदि देश भर में ऐसा है तो क्या फिर किसी टूरिस्ट को कश्मीर नहीं आना चाहिए? अमरनाथ की यात्रा नहीं करनी चाहिए? उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरियों के खिलाफ प्रॉपेगेंडा को लेकर कहा कि हमें इस मसले को लेकर उम्मीद थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों की निंदा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उमर ने कहा कि एक सोची-समझी साजिश के तहत एक कौम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है, हमारे जो बच्चे-बच्चियां बाहर की यूनिवर्सिटियों में तालीम हासिल करने गए, उन्हें निशाना बनाया गया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह से देश भर में कश्मीरियों के साथ घटनाएं हुईं और उन्हें बदनाम किया जा रहा है, उससे अलगाववाद बढ़ेगा। हालांकि इस दौरान वह पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को पालने-पोसने पर कुछ नहीं बोले।

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उमर ने कहा, ‘हम उम्मीद कर रहे थे कि इस चीज की मजम्मत होगी, लेकिन ऐसा किसी भी स्तर से नहीं हुआ। हमने जिस पीएम को लालकिले से सुना था कि कश्मीरियों को गले लगाकर पास लाना चाहिए, लेकिन पीएम ने यह नहीं कहा कि गवर्नर साहब ने जो कहा है, वह गलत कहा है। हो सकता है कि वह बिजी रहे हों, लेकिन कम से कम होम मिनिस्टर ही कुछ कहते। यह कहते कि जिन कॉलेजों ने कश्मीरियों को दाखिले से इनकार किया है, वह गलत है।’

छत्तीसगढ़ में अटैक हुआ, फिर क्यों न कही बायकॉट की बात

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, ‘एक गवर्नर ने हमारे इकनॉमिक बायकॉट की बात कही, जबकि एक गवर्नर ने कहा कि धारा 370 हटाई जानी चाहिए। इस तरह आप कुछ लोगों को मजबूर कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में जब कश्मीर से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान मारे जाते हैं, तब किसी ने छत्तीसगढ़ के बायकॉट की बात नहीं की।’

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‘कश्मीर में मुसलमानों का अधिक होगा हमारी गलती’

उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी मुस्लिम समुदाय के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा, ‘हमारा कसूर क्या है। क्या यह गलती है कि जम्मू-कश्मीर वह राज्य है, जहां मुसलमानों की आबादी अधिक है। क्या इसीलिए हम पर शक किया जाएगा। हमें बीजेपी से नहीं, लेकिन पीएम मोदी से उम्मीद थी। हमें लगा कि शायद सियासत को किनारे रखकर वह कुछ कहें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’

‘कांग्रेस ने कश्मीरियों की चिंता नहीं की’

कांग्रेस पर भी वार करते हुए उमर ने कहा कि देश की जो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, वह कुछ कहेगी, लेकिन वह भी शांत रहे। आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, आरडीएक्स से लेकर सब बातें कीं, लेकिन कश्मीरियों को लेकर कुछ नहीं कहा। कांग्रेस जिन ताकतों को हराने की बात करती है, उनके खिलाफ कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा। कल इलेक्शन होंगे, कांग्रेस इन्हीं कश्मीरियों के वोट मांगेगी, लेकिन उन्होंने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

‘नेता नहीं स्टेट्समैन की जरूरत है’

मैं एक बार फिर पीएम से गुजारिश करना चाहता हूं कि चुनाव आते रहेंगे, लेकिन अगर आप इलेक्शन जीतने के लिए एक कौम को बर्बाद करना चाहते हैं तो यह बहुत गलत होगा। हमें आज एक स्टेट्समैन की जरूरत है, राजनेता नजर आ रहे हैं, लेकिन कोई स्टेट्समैन नहीं दिख रहा है।

हम बातचीत की कहें तो ऐंटी-नैशनल, सऊदी अरब कहे तो?

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम कभी हिंसा और आतंकवाद के पक्ष में नहीं रहे। हैरानी की बात यह है कि जब हम बातचीत की बात करते हैं तो ऐंटी-नैशनल कहा जाता है। लेकिन सऊदी अरब के साथ जॉइंट स्टेटमेंट में बातचीत की बात कही जाती है। हम जब कहते हैं कि बंदूकों से निजात दिलाई जाए तो पाकिस्तानी और ऐंटी-नैशनल कहा जाता है।

‘कश्मीर के बच्चों का भविष्य खतरे में’

यह बार-बार कहा जा रहा है कि कश्मीर के लोगों पर भरोसा नहीं किया जाता। इसी के चलते हमारे न जाने कितने ही बच्चों का भविष्य खतरे में हैं। मैं गुजारिश करता हूं गवर्नर साहब से कि पढ़ाई छोड़कर घर लौटने वाले बच्चों का ख्याल रखा जाना चाहिए। गवर्नर साहब जिस जल्दी में सबकी सुरक्षा वापस ले रहे हैं, उसी कलम का इस्तेमाल कर यदि इन बच्चों के लिए व्यवस्था करें तो यह बेहतर होगा। पढ़ाई छोड़कर आने वालों ने यदि पत्थर उठाए तो इसके कसूरवार वे बच्चे नहीं होंगे बल्कि हुकूमत ही होगी।