Published On : Mon, Dec 23rd, 2019

BMC में घोटाले का छुपा रूस्तम कौन?

विधान परिषद में प्रवीण दरेकर व डॉ. परिणय फुके ने प्रश्‍न रखते बीएमसी के कामों की संसदीय समिति से जांच की मांग की

गोंदिया: शनिवार को नागपुर शीतकालीन सत्र की कार्रवाई के दौरान विधान परिषद में २८९ सघन प्रस्ताव के तहत विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर व विधायक डॉ. परिणय फुके ने कहा कि, मुंबई महानगर पालिका के ३७ ठेकेदारों पर आयकर विभाग ने ६ नवंबर २०१९ को छापामार कार्रवाई की थी, जिसमें प्रथम दृष्ट्या जांच के दौरान ७८५ करोड़ की बेनामी सम्पति मिलने का मामला सामने आया है।

Advertisement

उन्होंने कहा- यह छापामार कार्रवाई सही है तो इसमें शामिल जो ठेकेदार है, जिन्होंने सड़क और बांधकाम में करोड़ों का घोटाला किया है और यह सरकार की सूची में ब्लैक लिस्टेड है, तो इनके नाम कैसे? यह आर्श्‍चयजनक है कि काली सूची में शामिल ठेकेदारों को काम कैसे दिए गए और इनके पीछे कौन है? उन्होंने कहा- कई कपंनीयों का कान्ट्रैक्ट ७ वर्ष का था, जिसे कम कर ३ वर्ष किया गया, यह जांच में स्पष्ट हुआ है कि, अनेक कंपनीयों का सीधा राजनीतिक कनेक्शन है।

उन्होंने सदन को बताया कि, यह ठेकेदार मुंबई को लूटने वाले माफिया बन चुके है। सिर्फ सड़क ठेके में प्रत्येक वर्ष करीब ५ हजार करोड़ का घोटाला होता है। जिस तरह छापे मारे गए उन छापों में क्या सामने आया? जनता को समझना चाहिए, फर्जी और बोगस कंपनी बनाकर व्यवहार करना, फर्जी बिलों द्वारा घाटे-मुनाफे का गणित खुद के फायदे के लिए बनाना, कामों में गैरव्यवहार कर के नकली कंपनी बनाकर सहभाग बिक्री दिखाकर पैसे निकालना तथा हवाला के माध्यम से बाहरी देशों में पैसे भेजने, मनी लांँड्रिंग, फर्जी ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने जैसे असंख्य प्रकार आयकर विभाग के कार्रवाई में सामने आए है, इसका मतलब साफ है कि इसके पीछे के चेहरे अलग है।

३७ ठेकेदारों पर हुई कार्रवाई में क्या सामने आया, यह जानकारी जरूरी है, इन्हें कौन बचा रहा है? कौन दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है? कार्रवाई का लेखा-जोखा सदन में प्रस्तुत किया जाना जरूरी है। पिछली बार की एैसी ही कार्रवाई में क्या सामने आया?, जांच किस कारण रोकी गई? घोटाले में छुपा रुस्तम कौन है? विदेशों में जो पैसा भेजा गया उसके लाभार्थी कौन है? इन सभी का खुलासा होना जरूरी है, लिहाजा बीएमसी के सभी कामों पर संसदीय समिति के मार्फत चौकशी (जांच) होना आवश्यक है, हम इसकी मांग करते है।

गौरतलब है कि, मुबंई महानगर पालिका एशिया की सबसे बड़ी पालिका है, जिसका बजट किसी छोटे राज्य के बजट से अधिक है। विशेष उल्लेखनीय है कि, बीएमसी में दीर्घ काल से एक पक्ष, सत्ता पर काबिज है, तथा इस पालिका में कुछ चुनिंदा ठेकेदारों की वर्षो से ठेकाशाही चल रही है। अब भाजपा के विधायकों ने खुलकर इन घोटालों पर मोर्चा खोलते हुए इसकी जांच संसदीय समिति के माध्यम से कराने की मांग की है।

– रवि आर्य

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement