मोघे, पुरके, कासावार, ठाकरे, खडसे हारे
यवतमाल । जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. क्योंकि यहा अधिकांश विधायक और सांसद इसी पार्टी के प्रत्याशी रहते थे. मगर अब समीकरण बदल गया है. यहाँ पर कांग्रेस का बुरी तरह से सफाया हो गया है. उसके स्थान पर भाजपा ने पैर जमा लिए है. जिसमे भाजपा, शिवसेना और राकापा का एक-एक उम्मीदवार विजयी हुए है. उनमें एनसीपी के पूर्व मंत्री मनोहर नाईक, सेना के संजय राठोड, भाजपा के राजू तोड़साम, राजेंद्र नजरधने, मदन येरावार, अशोक उईके, संजीव रेड्डी बोदकुरवार शामिल है.
कांग्रेस के रथी-महारथी हार गए,पुसद में एनसीपी के मनोहर नाईक ने 65,359 वोटों से सेना के प्रकाश देवसरकर को हराया. नाईक को 94,152 वोट मिले, सेना के प्रकाश देवसरकर को 28,973, भाजपा के वसंत पाटिल को 19,155, काँग्रेस के सचिन नाईक को 15,070 वोट मिले. सिर्फ शिवसेना के देवसरकर का डिपॉझीट मात्र 241 वोटों से बच गया. भाजप और काँग्रेस उम्मीदवारों का डिपॉझिट जप्त हो गया है. आर्णी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राज्य के पूर्व सामाजिक न्यायमंत्री तथा नागपुर के पूर्व पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे को भाजपा के राजनीति में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे. भाजपा के प्रत्याशी राजू तोड़साम ने 20,721 वोटों से पराजित किया. तोड़साम को 86,981 तो मोघे को 66,270 वोंट मिले. यहाँ सेना के संदीप धुर्वे को 30,869 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गयी है.
विधानसभा के उपाध्यक्ष तथा पूर्व शालेय शिक्षा मंत्री वसंतराव पुरके को 38,750 वोटों से भाजपा के अशोक उइके ने हराया. उईके को 1,00,618 वोट मिले तथा पुरके को 61,868 वोट मिले. राकांपा के मिलिंद धुर्वे को मात्र 1,797 वोटों पर समाधान करना पड़ा. पुरके को छोड़ बाकी 8 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी. उमरखेड के कांग्रेसी विधायक विजय खड़से को भाजपा के युवा उम्मीदवार राजेंद्र नजरधने ने 48,576 वोटों से पराजीत किया. इसमें नजरधने को 90,190 और खड़से को 41,614 वोट मिले. सेना के शिवशंकर पांढरे को 24,619 और एनसीपी के मोहन मोरे को 19,045 वोट मिले. खड़से छोड़ बाकी सबकी जमानत जब्त हो गयी. दिग्रस विस निर्वाचन क्षेत्र के संजय राठोड ने एनसीपी के वसंत घुईखेडकर को 79,864 वोटों से पराजीत किया. राठोड को 1,22,116 तथा घुईखेडकर को 41,352, कांग्रेस के देवानंद पवार को माघे के पीए थे उन्हें 18,807 वोट मिले. भाजपा के अजय दुबे को 10,902 वोट मिले. घुईखेडकर को छोड़ बाकी सभी 9 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी है.
एनसीपी के जिला अध्यक्ष नाना गाड़बैले ने जिले के 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एनसीपी प्रत्याशियों का बुरी तरह पराजय होने के कारण अपने जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने यह इस्तीफा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे और एनसीपी नेता अजीत पवार को भेज दिया है. पुसद छोड़कर किसी भी स्थान पर एनसीपी उम्मीदवारों को जीत नहीं मिली.दारव्हा में दूसरे स्थान पर तो स्वयम घोषित नेता माननेवाले विधान परिषद सदस्य जिनका दावा था कि, विदर्भ एनसीपी उम्मीदवारों के एबी फार्म उन्होंने बांटे है, ऐसे बोलबच्चन देनेवाले संदीप बाजोरिया को 5 वे नंबर पर यवतमाल में रहना पड़ा. उनका डिपॉझिट भी जब्त हो गया तथा दूसरी ओर दारव्हा के एकमात्र एनसीपी प्रत्याशी वसंत घुईखेडकर उनका डिपॉझिट बचाने में कामयाब हो गए.
यवतमाल विधानसभा के शिवसेना प्रत्याशी संतोष ढवले को लोगों ने चंदा जमाकर लढवाया. वे मात्र 1227 वोटों से चुनाव हार गए. उनके पास खुद का बैंक खाता, मोटरसायकल,घर भी नहीं है, नहीं उन्होंने शादी की मगर वे बाहर गांव के आनेवाले मरीजों को जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज इलाज करवाने में सहायता करते है. शिवसेना के सांसद भावना गवली और सेना के जिला प्रमुख संजय राठोड ने इस प्रत्याशी के प्रचार में दौरा किया होता और कुछ वित्तीय सहायता करते तो यह सीट आराम से निकल सकती थी. नाहीं सेना के बड़े नेता ने यहाँ पर प्रचार सभा ली.

