Published On : Fri, Aug 4th, 2017

‘बायोमैट्रिक प्रणाली’ से बढ़ा मनपा कर्मियों का सरदर्द, लेकिन स्कूलों को मिली है पूरी सहूलियत

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  • अब हाजरी के आधार पर तय होगा कर्मियों का वेतन
  • मनपा प्रशासन का अफलातून निर्णय, मनपा के अलावा अन्य स्थानों से ‘बायोमेट्रिक प्रणाली’ नदारद
Biometric attendance system

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नागपुर:
मनपा आयुक्त अपनी जिम्मेदारी निभाने तथा मनपा में अनुशासन लाने की पूरी-पूरी कोशिश कर रहें हैं. वहीं दूसरी ओर मनपा का एक तबका उनके प्रयासों को जैसे-तैसे विफल करने में लगा है. हाल ही में लागु नए निर्देशानुसार इस माह मनपा कर्मियों के वेतन का भुगतान बायोमेट्रिक यंत्रणा में पंचिंग एवं हाजरी के आधार पर ही किया जायेगा. लेकिन निर्देश जारी करने से पहले मनपाआयुक्त को जानकारी नहीं दी गई कि मनपा स्कूलों सह अन्य स्थानों पर बायोमेट्रिक कि सुविधा नहीं है. इस कारण कई जानकारों में खुसफुसर है कि, आयुक्त को प्रत्यक्ष मुआयना करने के उपरांत ही निर्देश देने चाहिए थे नाकी केवल वातानुकूलित कक्ष में बैठ कर.

मनपा के अतिरिक्त आयुक्त डॉक्टर रिज़वान सिद्दीकी ने १ अगस्त २०१७ को परिपत्रक जारी कर सभी विभाग प्रमुख व सभी ज़ोन प्रमुखों को जानकारी युक्त निर्देश दिया कि, बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन में ‘पंचिंग’ हज़ारी के आधार पर अगस्त माह से वेतन संबंधी रिपोर्ट तैयार किया जाये. मनपा में सभी जगह बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन लगाई गई है. सिद्दीक़ी ने जानकारी दी कि, मनपायुक्त के निर्देशानुसार बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन अगस्त २०१७ माह का वेतन जो सितम्बर माह के पहले सप्ताह में दिया जाएगा, उसकी रिपोर्ट बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन में किये गए ‘पंचिंग’ के आधार पर हो. इस निर्देश का पालन न करने वाले अधिकारी-कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.

उल्लेखनीय यह है कि, उक्त बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन सिर्फ मनपा मुख्यालय व सभी ज़ोन कार्यालयों में लगाई गई है, और कुछ तो ठीक से काम भी नहीं कर रहीं. इसके अलावा मनपा शालाओं, अन्य विभाग के कार्यालयों में मशीन नहीं लगाई गई है. अर्थात आयुक्त को मनपा के कार्यालयों व शालाओं में बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन लगाने की जानकारी दी गई. जबकि हक़ीक़त कुछ और ही है.आयुक्त के निर्देश पर जारी फतवे की कर्मचारी-शिक्षण विभाग में खिल्लियां उड़ाई जा रही है. मनपा शालाओं के अध्यापक व् अन्य कर्मियों में हर्ष है कि, मनमर्जी से आने-जाने में फ़िलहाल उन्हें कोई अड़चन नहीं है. इससे उनके वेतन में कटौती की मार नहीं पड़ेगी.

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जबकि उक्त निर्देश मनपा प्रशासन के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है. मनपा में अबतक कर्मी-अधिकारी सैर के हिसाब से आते और सैर करते चले जाते थे. इससे कार्यालयीन प्रणाली पर गहरा असर पड़ा. वैसे मनपा मुख्यालय में आने का समय १० बजे सुबह और शाम ५ बजे जाने का तय है. लेकिन अधिकारी एवं कर्मी अबतक मनपा मुख्यालय में रोजाना सुबह आराम से ११ -१२ बजे आते थे और फिर २ बजे से डेढ़ दो घंटे चलने वाले लंच के बाद ३ से ४ बजे के दौरान अपनी जगह पर दिखते थे. और ४ बजते ही सब अपने अपने गंतव्य स्थान की और लौटना प्रारंभ कर देते. कुछ तो हमेशा ‘फील्ड’ तो कुछ दौरे पर ही रहते थे. मुख्यालय के अधिकांश कर्मी-अधिकारी घंटों पानठेले, कैंटीन पर नज़र आते थे. लेकिन आयुक्त के कड़े निर्देशों के बाद से ‘बहानेबाजों’ पर मानो कहर बरपा है.

इसके पूर्व, मनपा आयुक्त आश्विन मुद्गल ने नागपुर मनपा की जिम्मेदारी निभाते हुए मनपा कर्मियों को पिछले एक-डेढ़ साल से महीने – डेढ़ महीने देरी से मिल रहा वेतन पिछले २ माह से नए माह के प्रथम सप्ताह में देकर अपना वादा रख लिया. और अब शिष्टाचार लाकर मनपा के कार्यालयीन प्रणाली को गति देने का प्रयास एक सराहनीय कोशिश है, लेकिन उनके सकारात्मक पहल को असफल करने में कुछ अधिकारी सक्रिय है. बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन के आधार पर महीने में ३ दिन देरी से ‘पंच’ करने पर एक दिन कि अनुपस्थिति दर्ज की जाएगी.

कर्मियों की मांग, ज़ोन कार्यालयों का समय हो ८ से ४ के बीच
गर्मी के मौसम में मनपायुक्त ने मनपा के सभी ज़ोन कार्यालयीन समय में बदलाव कर उसे सुबह ८ बजे से दोपहर ४ बजे कर दिया था. इस नए कार्यालयीन समय के आदि हो चुके ज़ोन कर्मीयों ने मनपा आयुक्त से मांग है कि, उक्त समय हमेशा के लिए कायम हो. इससे यहां कार्यरत कर्मी दोपहर ४ से ५ बजे के समय में सरकारी कार्यालयों से जुड़े अपने काज निपटा सकते हैं.

– राजीव रंजन कुशवाहा

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