Published On : Fri, Aug 4th, 2017

‘शहीद काकडे’ के पुतले का निरादर न हों, इसलिए सीसीटीव्ही, नामफलक आदि को हटाना जरूरी

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Shahid Kakde’s statue
नागपुर:
 मेयो अस्पताल चौक पर स्थित शहीद कृष्णराव काकड़े के स्थानांतरित पुतले का निरादर न हो, इसलिए वरिष्ठ पत्रकार उमेश चौबे द्वारा महापौर नंदा जिचकर को प्रस्तुत निवेदन में यह मांग रखी है कि, मेट्रो के कारण चंद्रलोक बिल्डिंग के सामने स्थापित इस शिल्पकृति का दर्शनीय भाग छिप जाने से शहीद का अपमान हो रहा है, इसलिए पुतले के सामने से हाईमास्ट लाइट, सीसीटीवी कैमरे, आसपास की बस्तियों के नाम फलक को स्थानांतरित कर अन्यत्र जगह लगाया जाये. हर साल की भांति आगामी १३ अगस्त को शहीद काकडे के शहादत दिवस पर उन्हें आदरांजलि दी जानी हैं. इसके बावजूद महापौर कार्यालय की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गयी है.

चौबे के निवेदन अनुसार मेयो अस्पताल चौक न नामांकरण शहीद कृष्णराव काकडे किया गया था, फिर उनका पूर्णकृति पुतला चौक के मध्य में स्थापित किया गया था. महात्मा गाँधी के आव्हान पर देश भर में ‘करो या मरो’ आंदोलन के तहत १३ अगस्त १९४२ को राममंदिर के सामने स्थित पोस्ट ऑफिस लूटने के बाद जब अंग्रेजों की सेना वहां पहुंची तब हिंदुस्तानी लालसेना के बिगुल मास्टर कृष्णराव काकडे ने बार-बार भाग जाने की चेतावनी देने वाले अंग्रेज कप्तान को छाती खोलकर चुनौती दी कि, हिम्मत हैं तो चलाओ गोली और उसने गोली चला दी. काकडे ऐसे सैनिक रहे, जिन्होंने गुलामी से मुक्ति के लिए चल रहे संघर्ष में बड़ी निडरता से सीने पर गोली खाई.

चौबे के अनुसार मेयो स्थित इनके प्रतिमा को मेट्रो रेल प्रकल्प के लिए हटाना जरुरी था. फ़िलहाल यह प्रतिमा चंद्रलोक बिल्डिंग के सामने स्थापित है, जिसके सामने हाईमास्ट लाइट, सीसीटीवी कैमरे, नाम फलक स्थाई रूप से खड़ा करने के कारण प्रतिमा का दर्शनीय भाग छिप सा गया है. स्थानीय नगरसेवक दयाशंकर तिवारी ने मामले के सन्दर्भ में आश्वासन दिया था कि, महापौर, स्थाई समिति अध्यक्ष से चर्चा कर समस्या का समाधान निकालेंगे. आगामी १३ अगस्त को सुबह ९.३० बजे शहीद काकड़े की शिल्पकृति को माल्यार्पण किया जायेगा.

– राजीव रंजन कुशवाहा