नागपुर: सावन मास निमित्त सामूहिक शिवमहापुराण कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव , गे्रट नाग रोड, अशोक चैक के माता मंदिर में जारी है. शिवपुराण का सरस रसपान चित्रकूट निवासी बालव्यास योगेश कृष्ण जी महाराज श्रद्वालुओं को करा रहे हैं.कथा के चैथे दिवस शिवनैवेद्य और बिल्वपत्र की महिमा का अनोखा वर्णन किया।
कथाव्यास ने कहा कि ऋषियों का मानना है कि भोले भंडारी यानी भोलेनाथ को बिल्व पत्र अति प्रिय है। शिव को बिल्वपत्र चढ़ाना मतलब एक करोड़ कन्याओं के कन्यादान के फल समान है. ऐसे में बिल्वपत्र शिव के पूजन में बेहद जरूरी माना जाता है. इस पत्र की महिमा सिर्फ इतनी ही नहीं है यह तो सपंूर्ण सिद्वियों का आश्रय स्थान है. वृक्ष के नीचे शिव पुराण का पाठ या शिव नाम का जाप करने से न केवल मिलने वाले फल में वृद्वि होती है बल्कि इसके साथ् ही जल्दी सिद्वि की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि बिल्व पत्र को सभी देवी देवताओं को अर्पित करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक मनुष्य को भगवान की पूजा हमेशा करना चाहिये. घर के मंदिर में शिवलय अवश्य ही रखना चाहिये अन्यथा पूजा अधूरी रह जाती है. शिवमहापुराण के अनुसार मनुष्य को पूरे मन, प्रेम व लगन से भगवान का पूजन करना चाहिए. शिव की आराधना, साधना, उपासना से मनुष्य को पापों एवं संतापों से इसी जन्म में मुक्ति मिल सकती है. भगवान शिव मात्र एक लोटा जल व बिल्वपत्र , मंत्र जाप से प्रसन्न हो जाते हैं. अतः मनुष्य अगर शिव का इतना ही पूजन कर ले तो पाप कर्मों से सहज मुक्ति प्राप्त हो जाती है.
आज व्यासपीठ का पूजन यजमान परिवार सहित मोरेश्वर भांडारकर, श्रावण मानकर, अभिषेक कारेमोरे, विकास जगताप, प्राची भंडारकर, मीना पोद्दार, नीलिमा प्रताप नेरकर, सुरेश भंडारकर, ताराबाई तिड़के, राजू लिल्हारे, राहुल इंगले, जंगू नांदूरकर ने किया. कथा का समय 3 से 6 रखा गया है.