Published On : Fri, Nov 9th, 2018

पिलर पर विकसित किये जा रहे वर्टिकल गार्डन नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र

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एयरपोर्ट के बाद हिंगणा मार्ग पर दो पिलर में मेट्रो ने बनाया वर्टिकल गार्डन

नागपुर: हिंगणा नागपुर मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत पिलर पर बनाये जा रहे वर्टिकल गार्डन लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र साबित हो रहे है। वर्धा रोड पर एयरपोर्ट के ठीक सामने वर्टिकल गार्डन को तैयार किया गया था। जिसकी सफलता के बाद अन्य रूट पर भी ऐसी ही वास्तुकला का निर्माण किया जा रहा है। एयरपोर्ट की ही तरह हिंगणा मेट्रो मार्ग पर (रिच-3) टि-पॉईंट के समीप मेट्रो के दो पिलरपर बने व्हर्टिकल गार्डन नागरिकों के लिये आकर्षण का केंद्र साबित हो रही है। रचना अपार्टमेंट के सामने 2 पिलरपर (पिलर नं. 118 व 119 ) के चारो तरफ से ये व्हर्टिकल गार्डन तयार किये गये है। वर्टिकल गार्डन में युफोरबिया, फालफिजिया, यूका, सेन्सीव्हेरा, निरीयम, थूजा, खुफिया आदी प्रकार के पेड लगाये गये है। सभी पेड शहर के बदलते मौसम के अनुकूल होकर आॅक्सिजन देनेवाले है, हिसके रख रखावं का खर्च बेहद कम है। एक पिलरपर तकरिबन ढाई हजार पेड लगाये गये है. एक पेड कों लगभग 60 मि.लि. पानी कि जरुरत होती है, जो पुनर्प्रक्रियासे निर्मित ठिंबक सिचाई से दिया जाता है।

खडी दिवार मे बने गार्डन कों ही व्हर्टिकल गार्डन कहा जाता है. इसे ग्रीन वॉल, लिव्हिंग वॉल, इको वॉल, बायो वॉल, बायो बोर्ड नाम से भी जाना जाता है। पिलर से एक इंच अंतर पर धूप से बचाव करने के लिये खराब न होनेवाले फायबर फे्रम पिलर के चारो तरफ लगाया जाता है। सभी फे्रम खास तौरपर पिलर के लिये तयार किये गये है। इसमे लगे फेल्ट (जिओ फॅब्रिक्स) सिस्टीम मे पेड लगाये गये है. जिओ फॅब्रिक्स कपडे से पानी की बचत होती है। पिलरपर बने व्हर्टिकल गार्डन से पिलर का पेंट भी नही निकलता। एक पिलरपर व्हर्टिकल गार्डन तयार करने के लिये आठ से दस दिन लागते है।

ग्रीन थीम पर आधारित मेट्रो परियोजना मे पर्यावरन के अनुकूल कार्य करने के लिये मेट्रो के अधिकारी सैदव प्रयत्नशील है. इससे शहर की सुंदरता भी बढती है। इसी लिये नागपूर मेट्रो परियोजना मे व्हर्टिकल गार्डन बनाकर पर्यावरण हित मे कार्य कर रही है। मेट्रो परियोजना मे बने ज्यादा से ज्यादा पिलरपर कम से कम खर्च मे ऐसे व्हर्टिकल गार्डन तयार करने के लिये मेट्रो के अधिकारी विचार मंथन कर रहे है।