नागपुर: शनिवार को मनपा सभा में भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में प्रस्तावित कचरे से बिजली परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। लेकिन खास बात यह रही कि पूर्व नागपुर जहां भांडेवाड़ी आता है वहां के सभी विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इसमें भाजपा, राकांपा और कांग्रेस के सदस्यों का भी समावेश है।चर्चा है कि प्रस्ताव के माध्यम से डम्पिंग यार्ड का विरोध करनेवाले विधायक कृष्णा खोपड़े को मात देने की कोशिश की गई। पूर्व नागपुर के नेताओं ने परियोजना को लेकर विरोध जताते हुए कहा कि पूर्व नागपुर में किसी तरह का डम्पिंग यार्ड नहीं होना चाहिए। लेकिन जन भावनाओं की मनपा लगातार उपेक्षा कर रहा है। नाराजी व्यक्त करते हुए कांग्रेस के नगर सेवक पुरुषोत्तम हजारे ने मनपा आयुक्त को पांच घंटे डम्पिंग में खड़ा रखने तक की मांग कर डाली। लेकिन इन सबके बीच मनपा सत्तापक्ष नेता दयाशंकर तिवारी ने परियोजना का समर्थन किया।
जानकारी के अनुसार भांडेवाड़ी में रोज प्रतिदिन 11 सौ मीट्रिक टन घनकचरा पहुंचता है जिसमें से केवल 200 मीट्रिक टन घन कचरे पर ही प्रक्रिया की जाती है। शेष कचरा डम्पिंग में सीधे जमा हो रहा है। यह पर्यावरण के लिए खतरनाक है। केवल यही नहीं रोजाना बढ़ते जा रहे कचरे के अंबार से निकलनेवाली दुर्गंध से भी आस पड़ोस के नागरिक परेशान है। एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा 2014 में फटकार लगाए जाने के बाद 208 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत निधि आवंटित की जाएगी। कचरे से बिजली तैयार करने का काम एस्सेल इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, हिताची जोसेन इंडिया प्रायवेट लिमिटेड मुंबई की इस कम्पनी को मिला है। पीपीपी(पब्लिक प्रयवेट पार्टनरशिप के आधार पर इस योजना को साकार जाएगा। मनपा कचरे को जलाकर बिजली तैयार करने की प्रक्रिया के लिए 225 रुपए प्रति मीट्रिक टन (टिप इन फीस) की दर से भुगतान करनेवाली है। इसके साथ 15 साल के लिए कम्पनी को भांडेवाड़ी की 6 एकड़ जगह मुफ्त में देगी। कम्पनी इसके बदले 800 मीट्रिक टन कचरे से 11.5 मेगावाट बिजली पैदा करने का दावा कर रही है।