बुलढाणा। पिछडावर्गीय संघटना के कुछ पदाधिकारियों ने विशेष समाज कल्याण कार्यालय में जाकर समाज कल्याण अधिकारी नितीन ढगे को मारने की धमकी दी. इस घटना से कार्यालयीन कर्मचारियों में हड़कम्प मचा है. इस घटना में ढगे ने जिलाधिकारी और पुलिस अधिक्षक की ओर शिकायत दर्ज करके पुलिस सरंक्षण की मांग की है. यह घटना बुधवार दोपहर 1.30 के करीब हुई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 19 मार्च को होस्टेल कर्मचारी भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की बात सामने आई. जांच करने वाले विलास खंडेराव इस शिकायत कर्ता को गाली देने पर शहर पुलिस ने विशेष समाज कल्याण अधिकारी नितीन ढगे के खिलाफ अॅट्रासिटी अॅक्ट समेत विभिन्न धारा के तहत मामला दर्ज किया था. 31 मार्च को मुंबई उच्च न्यायालय नागपूर खंडपिठ ने उसकी गिरफ्तारी के पुर्व जमानत मंजूर की. जमानत मिलने के बाद समाज कल्याण आयुक्त पुणे और विभागीय उपायुक्त से फोन पर संपर्क करके चर्चा की गई. उनके आदेश के बाद समाज कल्याण अधिकारी ढगे 1 एप्रिल को अपने पद पर वापस आए.
इसकी जानकारी मिलते ही पिछडावर्गीय संघटना के 20 से 25 पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोपहर एक बजे के करीब विशेष समाज कल्याण कार्यालय में गए. उस समय समाज कल्याण अधिकारी ढगे खाना खाने के लिए घर गए थे तथा कार्यालय में उनका स्टेनो नारखेडे उपस्थित था. इस दौरान संघटना के पदाधिकारियों ने ढगे पर अॅट्रासिटी का मामला दर्ज किया था. जिससे वो अपने पद पर वापस कैसे आए, ऐसा कहकर उनको मारने की धमकी देते हुए कार्यालय से निकल गए.
स्टेनो नारखेडे ने इस घटना की जानकारी तुरंत समाज कल्याण अधिकारी ढगे को दी. जानकारी मिलते ही ढगे ने जिलाधिकारी किरण कुरूंदकर और पुलिस अधिक्षक शामराव दिघावकर की ओर शिकायत दर्ज की. भविष्य में कार्यालयीन कार्य करते हुए उपरोक्त व्यक्ति से मुझसे मारपीट करने की शक्यता है. जिससे मेरी जान को धोका निर्माण हुआ है. परिस्थिति की गहराई देखकर पुलिस सरंक्षण दिया जाए, ऐसी मांग समाज कल्याण अधिकारी नितिन ढगे ने की है.
Representational Pic