नागपुर : डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के द्वारा 1956 में शुरु किए गए ‘पॉलिटिकल स्कूल’ को पुनः नए सिरे से नागपुर में शुरु किया गया है। नगर के विश्वकर्मा नगर के बीमा बाजार में 5 मार्च को आयोजित इस कार्यकम के अध्यक्ष समाज प्रबोधनकार ज्ञानेश्वर रक्षक थे। प्रमुख वक्ता के तौर पर अधिवक्ता सिद्धार्थ कांबले साथ ही इसके ओबीसी महिला महासंघ की महासचिव वंदना बनकर ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
अधिवक्ता सिद्धार्थ कांबले ने कार्यक्रम में बताया कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने ‘ट्रेनिंग स्कूल एंट्रेंस टू पॉलिटिक्स स्कूल’ की अवधारणानुसार जुलाई 1956 में इसकी शुरुवात की थी। उस समय इसकी जिम्मेअदारी रेगे साहब को सौंपी थी। इस स्कूल को शुरु करने का बाबासाहेब का उद्देश्य था कि कुशल राजनेता के स्वरुप, उसके अधिकार और कर्त्तव्य के बारे में प्रशिक्षण दिया जा सके। इस प्रशिक्षण में ज्ञान, नीति और चरित्र निर्माण पर जोर दिया गया था। लेकिन 6 दिसम्बर को बाबासाहेब के निर्वाण के कारण यह संकल्पना पूरी नहीं हो सकी।
इस दौरान उपस्थित वंदना बनकर ने राजनीति में नैतिकता के अवसान पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महिलाओ को राजनीति में मानहानि का सामना करना पड़ता है। इस कार्यक्रम में आय. एन. रामटेके, दिगंबर गोंडाणे, प्रा. बुद्धराज मून, प्रा.संध्या राजूरकर, डॉ. विनोद तिवारी समेत बड़ी तादाद में परिसर के नागरिक भी मौजूद थे। प्रत्येक रविवार को स्कूल में उपस्थित रहने की अपील भी इस दौरान नागरिको से की गई।
