Published On : Wed, Jan 17th, 2018

भीमा-कोरेगांव कांड के आरोपियों को गिरफ्तार करें

Advertisement


नागपुर: भीमा-कोरेगांव प्रकरण इस वर्ष १ जनवरी को घटित हुई. इस हिंसक प्रकरण में मनोहर उर्फ़ संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे की भूमिका जगजाहिर है. उक्त प्रकरण के सार्वजानिक होते ही सम्पूर्ण महाराष्ट्र में घटना का निषेध और दोषियों को कठोर सजा की मांग की गई. इस घटना से बुद्धिस्ट और अन्य समाज के मध्य विवाद खड़ा करने की कोशिशें एक विशेष समाज के कुछ लोगों ने प्रयत्न किया. दूसरी ओर मराठा सेवा संघ, संभाजी ब्रिगेड, ओबीसी महासंघ और बुद्धिस्ट संगठनों की संयुक्त सकारात्मक भूमिका की वजह से राज्य में पहले की तरह शांति कायम करने में सफलता मिली.

मराठा सेवा संघ के अविनाश काकड़े व बुद्धिस्ट समूह के प्रतिनिधि अमन कांबले के अनुसार उक्त प्रकरण के बाद समाज के मध्य शांति, सद्भावना, आपसी एकजुटता आदि कायम रखने के उद्देश्य से मराठा सेवा संघ, संभाजी ब्रिगेड, ओबीसी महासंघ और बुद्धिस्ट संगठनों ने खुद को एक सूत्र में पिरोते हुए एक सामाजिक समूह की स्थापना की. उक्त सभी की संयुक्त बैठक नागपुर में संपन्न हुई, जिसमें मनुवादियों की अन्य समाजों पर की जा रही षडयंत्रों का पर्दाफाश करने का निर्णय लिया गया.

बैठक में मराठा सेवा संघ के मधुकर मेहकरे, दिलीप खोडके, अविनाश काकड़े, संभाजी ब्रिगेड के अंकुश बुरंगे, शिवमती नंदा देशमुख, अनीता ठेंगरे, ओबीसी महासंघ के बबनराव तायवाड़े, संजय शेंडे, रमेश राठोड, ज्ञानेश्वर रक्षक, बुद्धिस्ट समूह के प्रदीप आगलावे, अमन कांबले, बानाई के अध्यक्ष सुनील तलवारे, कृष्णा कांबले, त्रिलोक हज़ारे, अनिल हिरेखण, पी एस खोब्रागडे, प्रदीप नगरारे, प्रीतम बुलकुंडे, शामराव हाडके, शशिकांत जांभुळ्कर, प्रफुल्ल भालेराव, जयंत इंगले आदि उपस्थित थे.

Gold Rate
07 May 2025
Gold 24 KT 97,500/-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 96,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

उक्त बैठक में संयुक्त समिति की स्थापना करने का निर्णय लिया गया. बहुजन समाज में मनुवादी विचारों का प्रचार-प्रसार रोकें और छत्रपति शिवाजी महाराज, राजश्री शाहू महाराज, महात्मा फुले और बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों का प्रचार-प्रसार के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा ‘समता पर्व’ कार्यक्रम अप्रैल माह में राज्यभर में तहसील स्तर पर लिया जाएगा. और अंत में भीमा-कोरेगांव प्रकरण में सरकार की भूमिका का निषेध करने के साथ उक्त प्रकरण के दोषी मनोहर पंत भिड़े व मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार करने की मांग की गई और न करने कर जल्द ही आंदोलन का संकेत भी दिया गया.

Advertisement
Advertisement