रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने लोगों को सावधान किया है कि भविष्य में रेल पटरियों के नजदीक ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए. ट्रेन की ज्यादा स्पीड के बारे में उन्होंने कहा कि ट्रेनें रफ्तार से ही चलती है.
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अमृतसर ट्रेन हादसा में किसी भी तरह की जांच से इनकार किया है. घटना में गेटमैन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जिस जगह पर हादसा हुआ है, वो रेल फाटक से 3 सौ मीटर दूर है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना में रेलवे की कोई भागीदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज सरकार का जिम्मा है और लोगों को रेलवे ट्रैक पर जमा नहीं होना चाहिए था, जबकि हादसे के वक्त लोग ट्रैक पर बैठे थे.
रफ्तार से ही चलती है ट्रेनें- सिन्हा
मनोज सिन्हा ने कहा कि इस मामले में किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए, ये काफी दुखद घटना है. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि रेलवे को इस कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या ड्राइवर ट्रेन की रफ्तार धीमी कर सकता था तो उन्होंने कहा कि ट्रेन की रफ्तार कहां कम करनी है ये ड्राइवरों को पहले से ही निर्देश दिया हुआ होता है. मनोज सिन्हा ने कहा कि घटना के वक्त सांझ हो चुकी थी, घटना की जगह पर रेलवे की पटरी घुमावदार थी, ड्राइवर को आगे भी नहीं दिखाई पड़ रहा होगा. ट्रेन की रफ्तार के बारे में उन्होंने कहा कि ट्रेन को स्पीड से ही चलती है.
किस बात की इनक्वायरी?- सिन्हा
इस मामले में पत्रकारों ने जब गेटमैन के खिलाफ कार्रवाई की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि जिस जगह पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था वहां से रेल फाटक 300 मीटर दूर है. इस मामले में जब रेल मंत्रालय द्वारा जांच की बात पूछी गई तो मंत्री महोदय ने साफ-साफ कहा, “किस बात की इनक्वायरी हम कराएं…” जब उनसे पूछा गया कि क्या ड्राइवर किसी भी तरह ट्रेन नहीं रोक सकता था. इस पर मनोज सिन्हा ने कहा कि पटरी से 70 मीटर दूर कार्यक्रम हो रहा था, इसके अलावा वहां हलका मोड़ भी था, तो ड्राइवर को कैसे दिखाई देता?