देना बैंक मैनेजर का असभ्य बर्ताव
अमरावती। पहले नील सर्टिफिकेट के लिये आंदोलन करने की तैयारी करनी पड़ी और अब जब सर्टिफिकेट मिल गया तो देना बैंक फसल कर्ज के लिये एक माह से चक्कर कांटने विवश कर रही है. कामनापुर के युवा किसान विजय मुंदाने ने इस परेशानी से तंग आकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाते हुये सरकार पर भी निशाना साधा है.
एक माह से है परेशान
मुंदाने के अनुसार 8 जून को सेवा सहकारी सोसायटी का कर्ज नहीं होने (नील) का सर्टिफिकेट के लिये आवेदन किया. यही से कर्ज प्रक्रिया शुरू की. एक-एक सर्टिफिकेट जमा करते हुये तीन रास्ते नापे. जिससे आने-जाने में खर्च हुआ. 15 जून को भातकुली के तहसील उपनिबंधक के पास सर्टिफिकेट के लिये आवेदन किया व गटसचिव के खिलाफ शिकायत की. इस संघर्ष के बाद जैसे-तैसे नील का सर्टिफिकेट मिला. यह लेकर देना बैंक की खारतलेगांव शाखा जाकर 20 जून को कर्ज के लिये आवेदन किया, लेकिन कई चक्कर कांटने के बाद भी बैंक मैनेजर ने पुर्नगठन के केसेस शुरू रहने का कारण बताकर असभ्य बर्ताव करते हुये हडक़ा दिया. एक माह से कर्ज के नहीं मिलने से तंग आकर आखिरकार इस युवा किसान ने कलेक्टर से न्याय मांगा है. इस बारे में जिलाधीश को दिये निवेदन में कहा है कि विधानभवन में किसानों के मुद्दों पर चचा4 होकर आश्वासन व आदेश जारी किये जाते है, लेकिन रत्तीभर भी अमल नहीं होता.