नागपुर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के दक्षिण-पश्चिम नागपुर से प्रत्याशी रहे प्रफुल्ल गुड्धे पाटिल ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनाव याचिका दाखिल की है। इसी तरह आकोट से उद्धव ठाकरे गुट के प्रत्याशी मनीष गनगने और बुलढाणा से जयश्री शेलके ने भी चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का हवाला देते हुए याचिका दायर की है।
मंगलवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रवीण पाटिल ने केंद्रीय चुनाव आयोग, प्रदेश चुनाव अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आकाश मून ने पैरवी की।
चुनाव आयोग को दस्तावेज देने की मांग
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में बताया कि 1 जनवरी 2025 को उन्होंने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों की सीसीटीवी फुटेज, विडियोग्राफी, फॉर्म 17-सी (भाग I व II) और अन्य चुनावी दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग को आवेदन किया था। इसके बावजूद कोई जवाब नहीं मिला।
स्मरण पत्र भेजा, फिर भी नहीं मिला जवाब
अधिवक्ता मून ने जानकारी दी कि 2 अप्रैल 2025 को एक बार फिर से चुनाव आयोग को स्मरण पत्र भेजा गया, लेकिन याचिका दायर होने तक किसी भी स्तर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि आयोग को निर्देशित किया जाए कि वह सभी मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराए।
दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की मांग
याचिकाकर्ताओं की ओर से मांग की गई है कि जब तक याचिका लंबित है, तब तक संबंधित चुनावी दस्तावेजों और विडियोग्राफी को सुरक्षित रखने के आदेश जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए जाएं। मून ने कहा कि मतदान के दिन और उससे पूर्व भी चुनाव में कुप्रबंधन, ईवीएम मशीनों को समय से न बदलना, और फर्जी मतदान जैसी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ हैं।
निष्कर्ष:
मामला अब हाईकोर्ट की निगरानी में है और चुनाव आयोग को अदालत में अपना पक्ष रखना होगा। याचिकाकर्ताओं ने चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। आने वाले समय में यह याचिकाएं महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं।