– जिले में मंत्री सुनील केदार का विरोध तो था ही अब अधिवक्ता तरुण परमार की ED में शिकायत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राऊत का FINANCIAL WING संभालने वाले त्यागी संजय हरद्वानी के कारनामों की शिकायत मुख्यमंत्री से करके कांग्रेस आलाकमान को सकते में ला दिया हैं.इससे राऊत का POLITICAL UP’S N DOWN’S पर संभ्रम निर्माण हो गया
नागपुर : गत विधानसभा चुनाव हारने के बाद,फिर लोकसभा चुनाव की टिकट ऐन वक़्त पर कटने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव अपने परंपरागत चुनावी क्षेत्र से जीते और खास को छोड़ आम से दुरी बना लिये दूसरी ओर दिल्ली में आलाकमान में पैठ के लिए खड़गे लॉबी के मार्फ़त सक्रीय रहे.नतीजा जब राज्य में तिकड़ी सरकार बनी तो पहले दो कांग्रेसी मंत्रियों में राऊत का नाम था ,इस क्रम में कांग्रेस कोटे के 6-6 विभाग का भी कुछ दिनों मंत्री बन काम करने का मौका मिला। क्यूंकि दिल्ली मजबूत था इसलिए राज्य और खासकर जिले में सभी को सिरे से नज़रअंदाज आजतक करते आ रहे.नतीजा इनके विरोधियों की तादाद बढ़ने के साथ ही साथ उनकी सक्रियता बढ़ गई और अचानक पोल-खोल अभियान की शुरुआत हो गई.इस क्रम में अधिवक्ता परमार ने संगीन आरोप लगाते हुए ED में शिकायत की तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राऊत का FINANCIAL WING संभालने वाले त्यागी संजय हरद्वानी के कारनामों की शिकायत मुख्यमंत्री से कर राज्य सरकार सह कांग्रेस आलाकमान को सकते में ला दिया।
सहयोगी मंत्री से जमी नहीं
याद रहे कि नागपुर जिले का पालकमंत्री पद के लिए कांग्रेसी मंत्री सुनील केदार ने कई उठापठक किये लेकिन बात नहीं बनी.वे पालकमंत्री की बैठक में नहीं आते और नागपुर ग्रामीण में जिलाधिकारी/जिला परिषद् को लेकर तहसील स्तर के बैठकों में न राऊत को आमंत्रित करते और न ही आने देते।इतना ही नहीं ऊर्जा मंत्रालय पाने के लिए केदार ने काफी पापड़ बेले लेकिन ‘दाल नहीं गली’. पिछले वर्ष केदार के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रेत घाट पर गृहमंत्री-पालकमंत्री का अचानक दौरा से केदार ऐसे तपतपा गए थे कि दोनों के विरोध में गल्ली से दिल्ली तक सक्रीय हो गए थे,लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली।
FINANCIAL WING संभाल रहा
ऊर्जामंत्री की टीम का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य त्यागी संजय हरद्वानी हैं,जो पिछले कई वर्षो से उनका FINANCIAL WING संभाल रहा,पिछले कुछ वर्ष इससे दोनों परिवार के मध्य जमकर तनातनी थी,अब सुनने में आया कि मनोमिलन हो गया हैं.हरद्वानी इन दिनों ऊर्जा मंत्रालय में अधिकारियों-ठेकदारों के मध्य अलग विशेष वजन रखता हैं.इसके बी. पटेल जैसे टेंडर माफिया सहयोगी हैं.
संजय की शिकायत मुख्यमंत्री से
इस संजय हरद्वानी से गत दिनों सीधा पंगा लेने की हिमाकत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने की.उन्होंने मुख्यमंत्री
को एक पत्र लिखा है उन्होंने रुखमाई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ गैरअधिकृत तरीके से ‘कोल वाशरी’ का ठेका देने का आरोप लगाया है,यह कंपनी संजय हरदवाणी नाम के व्यक्ति है और महाजनको में लगने वाले कोल को लेकर यह ठेका दिया गया है,नाना पटोले ने अपने पत्र में कहा है की ‘रुखमाई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ को जिससे संजय हरदवाणी चलाते हैं इस कंपनी का कोई भी नेटवर्क,कंपनी का टर्नओवर नहीं और न ही सिक्योरिटी क्लीयरेंस नहीं है, कोल वाशरी चलाने का कोई भी अनुभव नहीं है.जिस कंपनी के साथ यह कंपनी ‘ज्वाइंट वेंचर’ है,उस कंपनी को ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ ने BLACLIST कर दिया है.’रुखमाई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी’ टेंडर के लिए किसी भी प्रकार से पात्र नहीं है फिर भी इस कंपनी को गैरकानूनी तरीके से महाजनको ने ‘कोल वाशरी’ का ठेका दे दिया है जिससे महाजनको में बिजली उत्पादन पर गहरा असर पड़ेगा। इसलिए इस कंपनी को दिए गए ठेके को तुरंत रद्द किया जाए।
इस हरद्वानी की विगत सप्ताह से महानिर्मिति में काफी चर्चा हो रही क्यूंकि इन्हीं के निर्देश पर टेंडर DESIGN होने के बाद इनके मनचाहे ठेकेदारों को काम दिया जा रहा.नाना के पहल पर विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने चुटकी ली कि नाना को ऊर्जा मंत्री बनना हैं इसलिए वे अपने ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर रहे.
अधिवक्ता परमार की शिकायत ED में
ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के खिलाफ भी भ्रष्ट्राचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं यह आरोप नागपुर के ही वकील तरुण परमार ने लगाया है और उन्होंने इस बात की शिकायत प्रवर्तन निदेशालय यानी ED से की है ,इसके बकायदा सबूत भी ED के पास उन्होंने सौंपे है,जिसके बाद ED ने संपूर्ण दस्तावेज के साथ तरुण परमार को मुंबई स्थित ED के दफ्तर बुलाया था ,तरुण परमार ने अपने आरोपों में महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री उनके पुत्र और नागपुर के जिलाधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है और उसी के दस्तावेज ED को सौंपे है।
वकील तरुण परमार ने नितिन राउत के खिलाफ रेत, कोयला सहित कई मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के माध्यम से पैसे लेने का आरोप लगाया है साथ ही उनके पुत्र कुणाल राऊत ने इन पैसों से किस तरह से बेनामी संपत्ति खरीदी है.किस तरह से अलग-अलग जगह पर मनी लॉन्ड्रिंग को पैसे लगाया है,इसके पुख्ता सबूत होने का दावा किया है। यहाँ तक की तरुण परमार ने पैसे का कैसे बटवारा हुआ है,ED के बुलावे पर वकील तरुण परमार परमार ED के दफ्तर भी गए थे,जिसके बाद कैमरे लगे रूम में तरुण परमार से पूछताछ की गई यह पूछताछ तकरीबन 3 घंटे चली साथ ही तरुण परमार को ED दफ्तर से 5 जुलाई का भी समय दिया गया है और उन्हें और दस्तावेज के साथ-साथ कुछ और जानकारी होने पर 5 जुलाई को मुंबई स्थित ED दफ्तर भी बुलाया गया है।
उल्लेखनीय यह हैं कि इन सब के बावजूद ऊर्जामंत्री राऊत को राज्य विधानसभा अध्यक्ष बनाये जाने के लिए भी दिल्ली में लॉबिंग चल रही.