राशनिंग दुकानो में मांसाहार बिक्री को अंततः स्टे मिला : पूरे देश मे शिकायतों का अंबार लगा था। नागरिकों के रोष के सामने सरकार झुकी।
नागपुर, नीति आयोग भारत सरकार ने राशनिंग दुकानोंमें मांसाहार बिक्री का जो निर्णय लगभग 1 माह पूर्व लिया था। उस पर फिलहाल स्थगिती दी गई है। ऐसा अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद को जानकारी मिली है। अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद ने राष्ट्रीय स्तर पर जोरदार विरोध किया था। नागपुर जैन राजनैतिक चेतना मंच ने भी विरोध किया था।
अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने बताया कि यवतमाल, गडचिरोली एवं नागपुर के जिला आपूर्ती अधिकारी एवं महाराष्ट्र राशनिंग कृति समिती के अध्यक्ष गोरख आव्हाड ने भी अ. भा. ग्रा. क. परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अश्विन मेहाडिया, कार्याध्यक्ष वर्षा निकम व राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र तिवारी को फोन पर बताया कि शासन स्तर पर फिलहाल इस मांसाहार कि राशन दुकानों में बिक्री पर रोक लगा दी गई हैं। उपरोक्त पुरवठा (आपूर्ती) अधिकारियों ने बताया कि शासकीय राशन दुकानदारों की कमिशन में बढोत्तरी व नागरिकोंसे दुकानदारों का टूटता संपर्क बढाने के लिए नीति आयोग मांसाहार में अंडे, फिश, मटन इत्यादी अनाज के साथ बेचने का निर्णय आगामी 15 सालों के लिए लिया था।
जिसका सख्त विरोध अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद और जैन राजनैतिक चेतना मंच ने डॉ. रिचा जैन के नेतृत्व मे नागपुर जिलाधिकारी रविंद्र ठाकरे से एक शिष्टमंडल के साथ मुलाकात की थी और निवेदन देकर नीति आयोग के उपरोक्त निर्णय पर आक्षेप और सख्त विरोध दर्ज किया था।
अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अश्विन मेहाडिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी, राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र तिवारी, रंजिता नवघरे ने नागपुर से, झारखंड से विनित झा, यू. पी. से पंकज मिश्रा, महाराष्ट्र शाखा से शशिकांत व्यवहारे व पूर्णिमा देशमुख (महिला विभाग), विदर्भ से रजनी चौधरी, ज्योती जनबंधू, सुनिता पांडेय, गडचिरोली से माधुरी केदार (राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष) व राजू कावले, गुजरात से अजय पुरोहित, नई दिल्ली से ललीता मल्हन, वेस्ट बंगाल से अनुप मुजुमदार, उडिसा से पंकज सठूआ, यवतमाल से वर्षा निकम, वनमाला अवथळे ने भी नीति आयोग को आन लाईन शिकायत कर नीति आयोग से उपरोक्त निर्णय रद्द करने कि मांग की थी।
जैन राजनैतिक चेतना मंच ने भी मा. प्रधानमंत्री मोदीजी, अध्यक्ष नीति आयोग, उपाध्यक्ष एवं केंद्रिय मंत्रीयों को पत्र लिखकर उपरोक्त निर्णय रद्द करने कि विनती की गई थी।
अर्थात फिलहाल उपरोक्त निर्णय को विरोध के चलते रोक दिया गया हैं। ऐसा नागपुर, यवतमाल, गडचिरोली के आपूर्ति अधिकारी एवं राशनिंग कृति समिती के अध्यक्ष गोरख आव्हाड ने (मुंबई) अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद को बताया हैं।

