नागपुर.
नागपुर महानगरपालिका के चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण देखने को मिल सकता है। आम तौर पर शहर के मुस्लिम मतदाता काँग्रेस के हाँथ के साथ हाँथ मिलाते दिखते है पर इस बार काँग्रेस और मुस्लिम समुदाय के बीच पैठ रखने वाले दलो के लिए एमआईएम चुनौती बन सकती है। दरअसल अपने विस्तार में जुटी एमआईएम ने मनपा का चुनाव लड़ने का मन बनाया है।
पार्टी शहर के मुस्लिम बहुल 7 प्रभागों में चुनाव लड़ने की तैयारी दर्शायी है। पार्टी की ओर से मनपा चुनाव में संयोजक की भूमिका निभा रहे सलीम हक़ के मुताबिक उनकी पार्टी ने शहर में सर्वे कराया है जिसमे उन्हें 7 प्रभागों में जीत हासिल होने की संभावना दिखाई दी है। प्रभाग 6 ,8 ,19 ,30 और 31 के अलावा दो अन्य प्रभागों में पार्टी को जीत हासिल होने की उम्मीद है।
शहर के मुस्लिम बहुल इलाके मोमिनपुरा ,ताजबाग ,यशोधरानगर ,टेका नई बस्ती ,जाफरनगर इलाके में मुस्लिम समाज की बहुलता है। पार्टी ने सिर्फ ऐसे ही प्रभागों में चुनाव लड़ने की तैयारी की है जहाँ उसे जीत हासिल हो पाए। इन सभी प्रभागों में मुस्लिम मतदाता ही पार्टी या उम्मीदवारों की जीत तय करते है। आम तौर पर धारणा यही है की मुस्लिम समुदाय काँग्रेस के साथ ही होता है। पर अब ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानि एमआईएम की चुनाव लड़ने की भूमिका ने मुस्लिम मतदातों को लुभाने का प्रयास करने वाले दलो के लिए चुनौती तो खड़ी ही कर दी है। एमआईएम के चुनाव में उतरने के फैसले के बाद मुस्लिम वोटो में ध्रुवीकरण की स्थिति को नजरंअदाज नहीं किया जा सकता।
मनपा चुनाव के लिए विधायक इंतेयाज जलील को भी संयोजक बनाया गया है। सलीम हक़ के मुताबिक पार्टी के नेता आगामी कुछ दिनों में सक्रिय हो जायेगे। इस प्रभागों में से पार्टी की टिकिट पर करीब’10 लोग उम्मीदवारी माँग भी चुके है पर पार्टी अपनी तरफ से जीत हासिल कर पाने में सक्षम उम्मीदवार से संपर्क कर रही है। मनपा चुनाव में पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी प्रचार के लिए पहुँचने वाले है। राज्य की अन्य महानगर पालिका में इससे पहले भी पार्टी को जीत हासिल हुई है ऐसे में नागपुर मनपा चुनाव में पार्टी संजीदगी से जुटी दिखाई दे रही है।