Published On : Fri, Nov 23rd, 2018

एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन

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नागपुर: शुक्रवार को नागपुर में एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। इस मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे। प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर योगी ने कहाँ कि खेती का देश की समृद्धि में योगदान है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से किसान नई तकनीक को जान पा रहे है। यहाँ से मिलने वाले आईडिया किसान वास्तविक धरातल पर उतार पाते है। इसका श्रेय नितिन गड़करी को जाता है। गड़करी वसुंधरा के नेता है। तीन साल के भीतर उनके कामों की वजह से आध्यात्मिक नगरी काशी में वॉटर वे और मल्टी वॉटर टर्मिनल शुरू हो गया है। राजमार्गो के निर्माण में जितना काम बीते साढ़े चार वर्षो में नहीं हुआ ,गड़करी के माध्यम से ही अब उत्तर प्रदेश गन्ना मिलो में अगले वर्ष से इथेनॉल निर्माण का काम शुरू कर देगा। ग्रेन एनर्जी से देश की बड़ी मुद्रा की बचत होगी। महाराष्ट्र के विदर्भ की पहचान देश में सबसे अधिक किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रूप में थी अब वो बदल रही है माहाराष्ट्र को गड़करी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सही मायनों में महाराष्ट्र बना रहे है।

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राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक देश के कुल सिंचन प्रकल्पो में से 40 फीसदी प्रकल्प महाराष्ट्र में है उसके बाद भी राज्य के किसान की हालात नहीं सुधर पायी। 80 % खेती राज्य में बारिश पर निर्भर है लेकिन काम बारिश होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। हमने देश में जल संचय का कार्यक्रम चलाया। राज्य के 10 लाख गाँवो में 5 लाख से अधिक काम हुए। वॉटर स्ट्रक्चर का विकेंद्रीकरण किया गया। 2013-14 में 124 फीसदी बारिश हुई जबकि 137 मेट्रिक तन उत्पादन हुआ। इस वर्ष 82 फ़ीसदी बारिश हुई जबकि 180 लाख मेट्रिक टन उत्पादन हुआ। यह बदलाव पानी के संचय की वजह से हुआ है। सोलर फीडर से किसानों को बिजली देने का काम शुरू हुआ है जिससे किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी और राज्य के 10 हजार करोड़ रूपए भी बचेंगे। 2 हजार किलोमीटर में पाईप एरिगेशन की व्यवस्था तैयार करने का काम राज्य में शुरू हुआ है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि बाम्बू से भविष्य में ऑटोमोबाइल क्षेत्र चलेगा ,विदर्भ के तीन जोलो वर्धा,चंद्रपुर गडचिरोली में किसानों के ट्रैक्टर बाम्बू से तैयार इथेनॉल पर चलेंगे। कृषि विशेषज्ञ कहते है कि मौसम की फ़सल किसानों को लेना चाहिए लेकिन किसानों की आर्थिक स्थिति बिना वैकल्पिक खेती ने नहीं सुधर सकती। मुंबई में बर्तन धोने की मिट्टी 18 रूपए किलो मिलती है जबकि किसान द्वारा उपजाया गया चावल 14 रूपए किलो बिकता है। सपने दिखा कर उसे पूरा नहीं करने वाले नेताओं को जनता ठोकती है बीजेपी के नेता जो सपने दिखाते है उसे पूरा करते है। नागपुर में अंतरास्ट्रीय विमानतल बनने के बाद फूल और फिश का एक्सपोर्ट किया जायेगा। इस वर्ष 25 करोड़ रूपए का प्रावधान कर वर्ष भर कृषि अनुसंधान के लिए रिसर्च इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला लिया गया है।

2022 में किसानोंकी आय होगी दोगुनी
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहाँ कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। हमारी सरकार ऐसा कहती है तो विरोधी इस पर सवाल उठाते है लेकिन इस सरकार के काम को खुद कृषि वैद्यानिक स्वामीनाथन ने सराहा है। नोटबंदी के कारण किसानों को परेशानी नहीं हुई अपितु जिनके पास पैसा जमा था वो बैंकों में आ गया। देश में कृषि की 99 परियोजनाए लंबित थी जिनमे से 40 हमारी सरकार के कार्यकाल में पूरी हो चुकी है जो बची है वह अगले वर्ष तक पूरी हो जाएगी। इस काम को करने में गड़करी का प्रमुख सहयोग मिला। गड़करी की तत्परता की वजह से कई ऐसे फ़ैसले लिए गए जिसका सीधा फायदा किसानों को हुआ। विदेशो से आयात होने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया जिससे देश में उत्पादन बढ़ा। फसल बिमा योजना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुई। अकेले 65 फीसदीयोजना का लाभ महाराष्ट्र के किसानों ने लिया। देश में 48 वर्ष एक परिवार ने राज किया आज किसानों का हाल बुरा है इसके लिए यही परिवार जिम्मेदार है। गड़करी का विजन देश का विजन है प्रधानमंत्री के विजन को धरताल पर उतारने में उनका योगदान महत्वपूर्ण है।

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