Published On : Sat, Jan 25th, 2020

राष्ट्रपति कोविंद बोले-आर्थिक विकास के लिए संविधान के मुताबिक चलना होगा

Advertisement

हर वर्ष 26 जनवरी को बड़े ही हर्ष के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष भी रविवार को देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ 71वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी शाम 7 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को संबोधित किया.

अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति ने कहा कि 71वें गणतंत्रदिवस की पूर्व संध्या पर, मैं देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं. लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें.

राष्ट्रपति ने की मोदी सरकार की योजनाओं की तारीफ
राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के कुछ योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि जन-कल्याण के लिए, सरकार ने कई अभियान चलाए हैं. यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने, स्वेच्छा से उन अभियानों को, लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है. जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है. भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है- चाहे रसोई गैस की सब्सिडी को छोड़ना हो, या फिर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना हो.

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं. लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है. ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है. ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं. इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है.

राष्ट्रपति ने की जीएसटी की तारीफ
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ‘जल जीवन मिशन’ भी ‘स्वच्छ भारत अभियान ’ की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा. जी.एस.टी. के लागू हो जाने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है. इसी के साथ ‘ई-नाम’ योजना द्वारा भी ‘एक राष्ट्र के लिए एक बाजार’ बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा.

राष्ट्रपति बोले- हम देश के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत
हम देश के हर हिस्से के सम्पूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों. देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का होना भी जरूरी है. इसीलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है. भारत में सदैव ज्ञान को शक्ति, प्रसिद्धि या धन से अधिक मूल्यवान माना जाता है. शैक्षिक संस्थाओं को भारतीय परंपरा में ज्ञान अर्जित करने का स्थान अर्थात विद्या का मंदिर माना जाता है.

राष्ट्रपति बोले- इसरो पर हर देशवासी को गर्व
शिक्षा पर बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं. हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा, शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है. ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में, भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी.

संबोधन में राष्ट्रपति ने सुरक्षाबलों की प्रशंसा की
सुरक्षाबलों की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं. देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएं प्रस्तुत करता है. प्रवासी भारतीयों ने भी सदैव देश का गौरव बढ़ाया है. कई प्रवासियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है.

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि इस महीने के आरंभ में, मुझे देश के ऐसे ही कुछ कर्मठ लोगों से मिलने और उनके साथ बातचीत करने का अवसर मिला, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय काम किया है. ऐसे लोग यह सिद्ध करते हैं कि सामान्य व्यक्ति भी, अपने आदर्शों और कर्मठता के बल पर, समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं.

राष्ट्रपति के संबोधन में हुआ युवाओं का जिक्र
युवाओं की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस शताब्दी में जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक दिखाई देती है. राष्ट्र-निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं. सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है.

राष्ट्रपति ने युवाओं को दिया महात्मा गांधी का मंत्र
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने युवाओं को आगे कहा कि किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को, गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि मानवता को उनका अमूल्य उपहार है. लोकतंत्र में सत्ता एवं प्रतिपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. राजनैतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ, देश के समग्र विकास और सभी देशवासियों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुलकर आगे बढ़ना चाहिए.

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि विकास पथ पर आगे बढ़ते हुए, हमारा देश और हम सभी देशवासी, विश्व-समुदाय के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारा और पूरी मानवता का भविष्य सुरक्षित रहे और समृद्धिशाली बने.

ब्राजील के राष्ट्रपति हैं गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि
इस वर्ष 71वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो भारत की चार दिन की यात्रा पर शुक्रवा शाम पहुंच गए थे. राष्ट्रपति भवन में शनिवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो का रस्मी स्वागत किया गया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह इस यात्रा का उपयोग द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक अवसर के रूप में करेंगे.

इस वजह से 26 जनवरी को राष्ट्रपति फहराते हैं झंडा
26 जनवरी को राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं जबकि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लालकिले पर ध्वजारोहरण करते हैं. बता दें कि राष्ट्रपति संवौधानिक प्रमुख होते हैं, इसलिए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं. 26 जनवरी 2020 को भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. हर बार की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने देश को संबोधित किया.