मोताला (बुलढाणा)। दूसरी पत्नी का नाम सेवा पुस्तिका में पंजीयन करने के लिए कनिष्ठ लिपिक से 500 रुपये रिश्वत लेते भूमि अभिलेख विभाग के उपअधीक्षक को अमरावती के एसीबी के अधिकारियों ने रंगेहाथ धर-दबोचा. यह कार्यवाही 21 नवंबर की सुबह भुसारी के एक होटल में की गई.
यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार, स्थानीय भूमि अभिलेख कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक ए.एन. सरकटे ने उनके सेवा पुस्तिका में दूसरी पत्नी का नाम पंजीकृत करवानी थी. इसलिए उसने उप अधीक्षक मोहन दत्तात्रय भावे के भूमि अभिलेख कार्यालय से सम्पर्क कर उक्त काम करने को कहा. अधिकारी भावे ने इस कार्य के लिए लिपिक से 1000 रुपये की रिश्वत मांगी और 20 नवम्बर को 500 रुपये ले लिये. उसके बाद शेष 500 रुपये 21 नवंबर को देने की बात कही. लिपिक ने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी. 21 नवंबर को नियत स्थान मोताला भुसारी के होटल में एसीबी के एसडीपीओ संजय लोहकरे के मार्गदर्शन में सहयोगी विक्रम ठाकुर, सुनील वराडे, तुषार देशमुख, अभय वाघ एंड टीम ने जाल बिछा कर रखी. इसके बाद लिपिक से आरोपी भावे जैसे ही 500 का नोट हाथ में लिया एसीबी के अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया. उप अधीक्षक के खिलाफ रिश्वत प्रतिबंधक अधिनियम अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कमल लगाकर अपराध दर्ज किया गया.
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