भंडारा/गोंदिया। गोंदिया व भंडारा में गुरुवार को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए 2 घूसखोरों को धर दबोचा. इनमें गोंदिया मजीप्रा के अभियंता व भंडारा के डाक्टर का समावेश है.
भंडारा के निजी अस्पताल में इलाज करवाने के बाद प्रतिपूर्ति के लिए भेजे जा रहे कर्मचारी के इलाज के खर्च के बिल पर हस्ताक्षर करने के ऐवज में रिश्वत लेनेवाले राज्य परिवहन निगम (रापनि) के भंडारा विभाग में मानद चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थ शहर के नेत्र विशेषज्ञ डा. विजय रोकडे को एसीबी ने गिरफ्तार किया. एसीबी के दल ने गुरुवार को जाल बिछाकर यह कार्रवाई की. डा. रोकडे ने शिकायतकर्ता कर्मचारी का बिल मंजूर करने के लिए 4 हजार रुपए की रिश्वत ली थी.
शिकायतकर्ता रापनि में कर्मचारी हैं. गत 6 फरवरी को ड्यूटी के बाद अचानक सांस की तकलीफ होने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा उन्हें 12 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी मिली. इलाज का बिल करीब 25 हजार रुपए आया. रापनि के नियमों के अनुसार किसी कर्मचारी के निजी अस्पताल में किए गए इलाज के खर्च का बिल रापनि के मानद चिकित्सक के हस्ताक्षरों से ही मंजूर किया जा सकता है. शिकायतकर्ता बिल लेकर 23 फरवरी को डॉ. रोकडे के पास गए. उन्होंने बिल मंजूर करवाने के लिए 4 हजार की रिश्वत मांगी. इसकी शिकायत कर्मचारी ने एसीबी में कर दी.
वहीं दूसरी घटना 26 फरवरी को दोपहर 1:55 बजे के करीब एसीबी ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अभियंता सुनील दर्भे (52) को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ धर दबोचा. गोरेगांव तहसील के पालखेडा गांव के एक व्यक्ति को ईंटभट्ठी शुरू करने के लिएनाआपत्ति प्रमाणपत्र चाहिए था. उसने मजीप्रा के अभियंता सुनील दर्भे से संपर्क किया. दर्भे ने उससे 4 हजार रुपए रिश्वत मांगी. उक्त व्यक्ति ने इसकी शिकायत कर दी. शिकायत के आधार पर विभाग ने 26 फरवरी को दोपहर घात लगाकर अभियंता को शिकायतकर्ता ने नगद 3 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा. दर्भे के खिलाफ रामनगर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.