नागपुर– अजनी पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक राजेशसिंह ठाकुर को 1 लाख रूपए की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में खलबली मच गई है.
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता बारासिंगल रोड नागपुर के निवासी है और रेलवे में पार्सल ठेकेदारी का काम करते है. शिकायतकर्ता ने 9 सितंबर 2019 को नितिन नारनवरे से शताब्दी चौक में प्लॉट खरीदी का करारनामा किया था. इस प्लॉट पर गोपालसिंह राजपूत नामक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर कबाड़ी की दुकान लगा ली. इसके बाद जब शिकायतकर्ता ने अतिक्रमण करनेवाले राजपूत से बात की तो दोनों में विवाद हो गया.
इसके बाद शिकायतकर्ता के खिलाफ अजनी पुलिस स्टेशन में विभिन्न मामले दर्ज किए गए थे. जब शिकायतकर्ता कस्टडी में था , तब जांच अधिकारी पुलिस उपनिरीक्षक राजेश सिंह ठाकुर ने उससे प्लॉट का अतिक्रमण हटाने के लिए 3 लाख रुपए की मांग की. ठाकुर द्वारा मांगी गए पैसे नही देने की इच्छा के कारण शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी.
इसके बाद एसीबी की पुलिस निरीक्षक योगिता चाफले ने अत्यंत गोपनीय तरीके से मामले की जांच की और ट्रैप किया. इसके बाद आरोपी पुलिस उपनिरीक्षक ठाकुर से 1 लाख रुपए देने के लिए शिकायतकर्ता की कबूली हुई. शताब्दी चौक में यह रकम आरोपी द्वारा स्वीकारी गई. इस मामले में ठाकुर के खिलाफ अजनी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया . जानकारी के अनुसार ठाकुर के घर की भी तलाशी ली जा रही है.
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेडकर, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश दुद्दलवार के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक योगिता चाफले, मोनाली चौधरी, कर्मचारी मंगेश कलम्बे, लक्ष्मण परतेती, रविकांत दहाट, अस्मिता मेश्राम और चालक वकील शेख द्वारा की गई.