Published On : Wed, Oct 6th, 2021

कोयला संकट से जूझ रहे है एनटीपीसी के 8 बिजली संयंत्र

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नागपुर– राष्ट्रीय ताप विधुत निगम के करीब 50 फीसदी तापीय बिजली परियोजनाएं कोयले के संकट की समस्या से जूझ रहे हैं और इनके पास सात दिन से कम का भी कोयला भंडार है। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी के बिजलीघर भी शामिल हैं। इन बिजलीघरों की कुल उत्पादन क्षमता 20,000 मेगावाट से अधिक है।

केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के 15 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार कुल 100 कोयला आधारित बिजलीघरों में से 46 के पास सात दिन से कम का कोयला भंडार है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक एनटीपीसी कोयले का सबसे अधिक खपत करती है। कंपनी कोयले की कमी से बुरी तरह प्रभावित हुई है। एनटीपीसी के 23 बिजलीघरों में 8 के पास सिर्फ दो दिन का कोयला भंडार है। ये आठ बिजलीघर हैं झज्जर (1,500 मेगावाट), रिहंद (3,000 मेगावाट), सिंगरौली (2,000 मेगावाट), कोरबा (2,600 मेगावाट), सिपत (2,980 मेगावाट), विंध्याचल (4,260 मेगावाट), सिम्हाद्रि (2,000 मेगावाट), रामागुंडम (2,600 मेगावाट) शामिल हैं।

आंकड़ों के अनुसार, कोल इंडिया से आपूर्ति कम रहने की वजह से ये बिजलीघर प्रभावित हुए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी और उसकी अनुषंगियां सालाना अनुबंधित मात्रा की तुलना में कम बिजली की आपूर्ति कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार एनटीपीसी ने भी बिजली मंत्रालय से इस मुद्दे पर ध्यान देने को कहा है। बढ़ती गर्मी के बीच उत्तरी व मध्य भारत में बिजली की भारी कटौती हो रही है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो फिलहाल राष्ट्रीय ताप विधुत निगम की बिजली परियोजनाओं को जो कोयला उपलबध हो रहा है वह मांगोनुरुप गुणवत्ता का नही मिल रहा है और प्राप्त कोयला मे ज्वलन क्षमता बढाने के लिए फर्नेस आईल का उपयोग करना पडता है।

रेलवे वैगनो से कोयले की तस्करी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ब्राडगेज रेलवे द्वारा आपूर्ति किया जाने वाला कोयला मे से 20% से 25 % उच्चगुणवत्ता वाले कोयले को रास्ते मे ही तस्करी हो जाती है।उसके बदले मे वजन बढाने के लिए पानी रेती मुरुम तथा काले पत्थर डाल दिया जाता है। नतीजतन घटिया कोयला की वजह से बिजली उत्पादन पर बुरा असर तो पडता ही है साथ ही घटिया कोयला की वजह से कोल कन्वेयर बेल्ट संयंत्रों में बारं-बार तकनीकी बिगाड़ आ रहा है।इससे NTPC को आर्थिक रूप से नुकसान का भी सामना करना पड रहा है। तत्संबंध मे आल इंडिया सोशल आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष श्री टेकचंद सनोडिया शास्त्री के मुताबिक रेलवे लाईन से सुपर स्पेशल ट्रेनो की निकासी के लिए स्टेशन के यार्डों मे कोयला से भरी ट्रेन वैगनों को रोकना पडता है।नतीजतन कोयला मालगाड़ी मे चढ़कर चोर कोयला की तस्करी करते है।इस घिनौने व खतरनाक कार्यों को अन्जाम देने मे रेलवे विभाग के अधिकारी व कर्मियों के बेरोजगार युवक लिप्त पाये जा सकते है। हर हाल मे इसे रोकना होगा।