Published On : Fri, Sep 13th, 2019

7वां वेतनमान के लिए मनपा कर्मियों का सामूहिक आंदोलन

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दोपहर 12 से 2 बजे तक संविधान चौक पर एकत्र होकर किया प्रदर्शन

नागपुर : केंद्र सरकार के आदेश पर सम्पूर्ण देश में 7 वां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार कर्मियों को वेतन वृद्धि करने का अध्यादेश इसी वर्ष जनवरी में जारी हुए। इसी बिना पर राज्य सरकार ने भी अपने कर्मियों की वृद्धि की लेकिन नागपुर मनपा के कर्मियों को आजतक नहीं दिए जाने से क्षुब्ध कर्मियों ने प्रशासन पर दबाव बनाने हेतु आज मनपा में सामूहिक अवकाश डाल संविधान चौक पर आंदोलन किया।

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याद रहे कि मनपा स्थाई समिति के इस आर्थिक वर्ष में मनपा कर्मियों को 7वां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार वेतन देने की घोषणा की गई थी,यह भी कहा गया था कि बकाया नहीं दिया जायेगा। इसके बावजूद मनपा प्रशासन ने आजतक लागू नहीं किया। जिससे क्षुब्ध होकर मनपा के कर्मचारी संघठनों व शिक्षक संगठन ने एकजुट होकर सामूहिक एक दिन की सामूहिक छुट्टी का आवेदन कर आंदोलन करने का निर्णय लिया।

इस संदर्भ में आंदोलन को लेकर कर्मचारी संगठनों के मध्य फुट डालने व समझाने की कोशिश की गई। लेकिन अधिकांश संगठनों ने आंदोलन को स्थगित करने से मना कर दिया।

आंदोलन को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों के तथाकथित नेतृत्वकर्ता मनपा मुख्यालय के कार्यालयों में घूम घूम कर कर्मियों को आंदोलन में भाग लेने हेतु बाहर निकाल कार्यालय की बत्ती बुझा दी। इस क्रम में वे मनपा आयुक्त कार्यालय परिसर को छोड़ वित्त विभाग के कर्मियों को बाहर निकाला। इस आंदोलन से आज मनपा का सम्पूर्ण कामकाज प्रभावित हुआ।कल दूसरा शनिवार और रविवार को सरकारी अवकाश हैं, अगले सप्ताह कभी भी राज्य विधानसभा चुनाव हेतु आचार संहिता की घोषणा होने वाली हैं।

आज संविधान चौक मनपा के अधिकांश कर्मियों ने अविलंब 7वां आयोग की सिफारिश अनुसार वेतन देने की मांग को लेकर शक्ति प्रदर्शन किया। अबतक के इतिहास में कर्मचारी हित में पहला सबसे बड़ा आंदोलन बताया जा रहा।

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त शक्ति प्रदर्शन हेतु एकत्र जमा हुए कर्मी अगर मनपा को आर्थिक संकट से उबारने हेतु पहल की होती तो मनपा की कड़की कब का दूर हो गई होती। मनपा का बकाया संपत्ति कर,जल कर आदि कर का बकाया शून्य पर पहुंच गया होता। ऐसी सूरत में मनपा प्रशासन बिना मांग/आंदोलन के अविलंब 7वां वेतन आयोग की सिफारिश लागू कर दी होती। अब देखा यह हैं कि इस आंदोलन को मनपा प्रशासन और सत्तापक्ष किस दृष्टि से देखता हैं और क्या निर्णय लेता हैं।

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