Published On : Mon, Jun 4th, 2018

नोटबंदी के बाद 73000 फर्जी कंपनियों के खाते में जमा हुए 24000 करोड़

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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद सरकार ने उन कंपनियों को बंद कर दिया था, जो सिर्फ नाम के लिए बनी थी, जिसमें लंबे वक्त से कोई कारोबार नहीं हुआ था। अब खुलासा हुआ है कि ऐसी डीरजिस्टर्ड कंपनियों ने नोटबंदी के बाद बैंकों में 24000 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि 73,000 कंपनियों के बैंक खातों में नोटबंदी के बाद 24,000 करोड़ रुपए जमा कराए गए।

कंपनियों के खाते में जमा हुए 24,000 करोड़
8 नवंबर, 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया और देश में 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन कर दिया। सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला किया। अब सरकार ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है। इन आंकड़ों के मुताबिक देश भर में लगभग 73,000 कंपनियों ने 24,000 करोड़ रुपए बैंकों में जमा कराए। ये वो कंपनियां हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार ने रद्द कर दिया था।

2.26 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल
आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद कालेधन और बेनामी संपत्ति को ठिकाने लगाने की कोशिशों को लगाम लगाने के लिए सरकार ने 2.26 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया था। ये वो कंपनियां थी, जो सिर्प नाम मात्र के लिए कंपनी थी। इन कंपनियों से कोई बिजनेस ऐक्टिविटी नहीं थी। इनमें से अधिकांश कंपनियां केवल कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए काम कर रही थी। जिसकी वजह से सरकार ने इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया था।

कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू
सरकार ने जारी किए आंकड़े के मुताबिक रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए गए कंपनियों में से 1.68 फर्म्स के खाते में नोटबंदी के बाद कैश जमा किए गए थे। इनमें से 73,000 ने अपने खातों में 24,000 करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। सरकार ने कहा है कि ऐसी 68 कंपनियों के खिलाफ जांच की जा रही है। सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस और कंपनी रजिस्ट्रार इन कंपनियों के खिलाफ जांच कर रही है।