Published On : Fri, Dec 21st, 2018

ट्रेन से चेन्नई काम के लिए जा रहे 7 नाबालिग बच्चों को नागपुर आरपीएफ ने किया रेस्क्यू

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4 लोगों को लिया हिरासत में

Nagpur Railway station

नागपुर: नागपुर आरपीएफ की टीम ने सात बच्चों को गुमराह कर चेन्नई ले जा रहे 4 लोगों को हिरासत में लिया गया. जानकारी के अनुसार दिनांक 19.12.2018 को आरक्षक विकास शर्मा को गुप्त सुचना मिली थी कि, ट्रेन नं. 16318 हिमसागर एक्सप्रेस से कुछ व्यक्तियो द्वारा 7 बच्चो को गुमराह कर बाल मजदूरी के लिए चेन्नई की ओर ले जाया जा रहा है.

मामला मानव तस्करी का होने के संदेह में विकास शर्मा द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त,आरपी.एफ ज्योति कुमार सतीजा को अवगत कराते हुये इसकी सुचना निरीक्षक वी.एन.वानखेडे को दी. वरिष्ठों के निर्देश में निरीक्षक नागपुर द्वारा विकास शर्मा के साथ महिला प्रधान आरक्षक उषा तिग्गा और महिला आरक्षक अश्विनी मुलतकर को चाईल्ड लाईन की प्रतिनिधी गौरी शास्त्री देशपान्डे को साथ लेकर उस ट्रेन को अटेन्ड कर उचित कार्यवाही की गई.

जिस पर स्टाफ द्वारा उस ट्रेन समय 09.30 बजे नागपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 02 पर आने पर ट्रेन को चेक करने पर सामने के जनरल कोच में 7 बच्चो को 4 व्यक्तियो के साथ संदिग्ध हालत में यात्रा करते हुये पाया गया. स्टाफ द्वारा सभी 4 व्यक्तियो से पुछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम शिवलाल मुरारीलाल विश्वकर्मा, कमलेश कुमार मणिराम विश्वकर्मा, बुद्वसेन बैसाखु टेकाम, महेश शिवलाल टेकाम बताया गया. इसके बाद चाईल्ड लाईन के प्रतिनिधी द्वारा सभी 7 नाबालिक बच्चो सेे पुछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया उन्हे उनके साथ यात्रा करने वाले व्यक्तियो द्वारा मजदूरी कराने के लिए उनके गांव से ओंगल (करनूल) लेकर जा रहे है. जिसके बदले उन्हे 9000/- रुपये मजदूरी मिलेगी.

मामला चाईल्ड ट्राफिकिंग का होेने के संदेह पर स्टाफ द्वारा सभी 7 नाबालिक बच्चो को उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य 4 संदिग्ध व्यक्तियो को आर.पी.एफ थाना लाया गया. बाद आर.पी.एफ स्टाफ द्वारा रेल्वे चाईल्ड लाईन, नागपुर के प्रतिनिधी के साथ उपरोक्त 4 व्यक्तियो तथा 7 नाबालिक बच्चो को आवश्यक कार्रवाई के लिए जी.आर.पी के हवाले किया गया. मामले की आगे की जांच नागपुर जी.आर.पी द्वारा जारी है.