कपास, तुअर, प्याज व सब्जियों पर ओलों का असर
अकोला। लगातार तीन वर्षों से जिले में प्राकृतिक आपदा के कारण किसान संकट में पड रहा है. कभी आवश्यकता से अधिक बारिश से खेत के तालाब बनने से तो कभी अवर्षण से जमीन सूखने से फसलें बर्बाद हो रही है, विगत वर्ष बेमौसम ओलावृष्टि हुई, इसी तरह इस वर्ष भी ओलों की बारिश हुई है . बिजली कटौती व ट्रान्सफार्मर्स के ठप पडने से भी फसलों को सिंचाई के अभाव में भारी नुकसान हो रहा है .
बुधवार व गुरूवार की ओला वृष्टि तथा बेमौसम बारिश ने किसानों को फिर एक बार संकट में डाल दिया है. प्रशासन की ठोस मदद के बगैर किसानो को राहत नही मिल सकती. तहसील निहाय रबी बुआई – अकोट 20173, तेल्हारा 7317, बालापुर 3766, पातूर 6005, अकोला 10822, बा.टा. 4552, मूर्तिजापूर 12109, कुल हेक्टेयर 64744. लगातार दो दिनों पूर्व जिले में बुआई की गई रबी की गेहू व चना तथा करडई, सूरजमुखी, मका, ज्वार, प्याज व विभिन्न फल एवं पत्तें वाली सब्जियों की बुआई लगभग 64, 744 हेक्टेयर में की गई है . यह पूरी फसल बेमौसम बारिश की चपेट में आ गई है . दो दिनों में 56 मि.मी. औसत की बारिश ने जिले के किसानों को संकट में डाल दिया है . बालापुर, बार्शिटाकली व पातूर तहसील में बारिश व ओलों ने कहर बरसा दिया जबकि अकोला तहसील में रबी की फसलों को बारिश से बहुतही हानि पहुंची है . प्रशासन की ठोस मदद के बगैर किसानो को राहत मिलना मुसकिल है.
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