Published On : Wed, May 20th, 2020

उच्च शिक्षण में 6 लाख की क्रीमीलेयर शर्त अनुसूचित जाति के साथ अनुचित -डॉ. परिणय फुके

Advertisement

गोंदिया: जिन अनुसूचित जाति के लोगों के पास अपने बच्चों को उच्च पाठ्यक्रमों में अध्ययन करवाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है ऐसे छात्रों के विशेष अध्ययन में सामाजिक न्याय विभाग की ओर से राजषि शाहू महाराज छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत विदेश में पढ़ने के लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) दी जाती है।

अब तक इसमें आय यानी क्रीमीलेयर की शर्त नहीं थी लेकिन 5 मई 2020 को शासन निर्णय अनुसार एक आदेश निकाला गया जिसमें योजना में 6 लाख के वार्षिक आय की शर्त लगाई गई है।

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

शासन के इस निर्णय का विरोध हो रहा है तथा इस मामले में संशोधन के आदेश निकालने की मांग उठ रही है।

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र , आदेश के नियम को निरस्त करें
इस संदर्भ में गोंदिया- भंडारा के विधायक तथा पूर्व राज्यमंत्री डॉ. परिणय फुके ने 17 मई को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इन्हें पत्र लिखाकर इस नए आदेश नियम को तत्काल प्रभाव से शीघ्र निरस्त करने का अनुरोध करते कहा है कि-इस योजना की मदद से महाराष्ट्र राज्य के अनुसूचित जाति के विद्यार्थी उच्च व बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पा रहे थे ।

5 मई 2020 को जारी आदेशानुसार नियम परिवर्तन किए गए हैं , इस छात्रवृत्ति के लिए पात्र विद्यार्थियों हेतु शासन निर्णय अनुसार नए संशोधनों में 6 लाख की वार्षिक आय यानी क्रीमीलेयर की शर्त को अनिवार्य किया गया है , यह नियम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ अनुचित है तथा भारत के संविधान में निहित दिशा -निर्देशों की पूरी असंगतता के खिलाफ है , लिहाज़ा मेरा आपसे अनुरोध है कि 5 मई 2020 को सरकार के द्वारा जारी शासन निर्णयनुसार राजषीं शाहू महाराज विशेष छात्रवृत्ति योजना में लगाए गए 6 लाख के क्रीमीलेयर शर्त को तत्काल प्रभाव से शीघ्र निरस्त करें ऐसी विनती करता हूं।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement