नागपुर: 50 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य को साधने के लिए लगनेवाले मानवबल को पूरा करने के लिए वन विभाग हरित सेना में सदस्यों को शामिल करने का अभियान शुरू कर चुकी है। ऑनलाइन आवेदन के जरिए सदस्यों को प्रमाणपत्र भी दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की तर्ज पर स्कूलों में हरित सेना तैयार करने को व्यापक रूप प्रदान करते हुए राज्य सरकार इच्छुक हर नागरिकों को सदस्यता प्रदान करेगी। सक्रिय सदस्यों को टाइगर सफारी और अभ्यारण्यों के प्रवेश शुल्क में छूट देने पर भी सरकार विचार कर रही है। यह जानकारी सामाजिक वनीकरण विभाग के उप निदेशशक किशोर मिश्रीकोटकर दे रहे थे। वे वन सभागृह में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
मिश्रीकोटकर ने जानकारी दी कि हरित सेना का सदस्य बनने के लिए कोई भी नागरिक आगे आ सकता है। इसकी पंजियन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पंजियन के दौरान ही आवेदक को ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। हरित सेना के सदस्यों को वन विभाग द्वारा किए जानेवाली 8-10 गतिविधियों में शामिल किया जाएगा। जिसमें पौधा रोपण से लेकर, अग्निरेखा तैयार करने, वन्यजीव गणना, वन महोत्सव आदि का समावेश है। विभाग का लक्ष्य हालांकि मार्च अंत तक राज्य भर में 1 करोड़ सदस्य हरित सेना के लिए तैयार करने का है। फिलहाल विभाग के पास साढ़े आठ हजार के आस पास सदस्य तैयार हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष किए गए वृक्षारोपण कार्यक्रम में लगाए गए पेड़ों की जिंदा रहने की दर प्रथम त्रैमासिक रिपोर्ट में 80 प्रतिशत तक पाई गई है।
जी. मल्लिकार्जुन ने जानकारी दी कि आगामी वन महोत्सव से पहले विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है। तैयारियों में विभाग की नर्सरियों में पौधों को रोपा जा रहा है। अब तक 2017 और 2018 के लिए एक साथ पौधों को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। वृक्षारोपण महोत्सव को सप्ताह भर मनाने के नियोजित ढंग से अलग अलग विभागों के साथ पौधा रोपण अभियान सम्पन्न किया जाएगा। फिलहाल विभाग का लक्ष्य 40 लाख पौधे तैयार रखने का है जिसमें से 21 लाख पौधे रोपे जा चुके हैं। महीने भर में शेष लक्ष्य को भी हासिल कर लिया जाएगा। 15 फरवरी से पहले पौधारोपण के स्थलों को निश्चित कर लिया जाएगा। फरवरी अंत तक कितनी जमीन में पौधे लग रहे हैं इसका आंकलन भी कर लिया जाएगा। इस साल किसानों को खेत के मेड़ों और किसानों में पौधा रोपण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पत्रपरिषद में साथ में सामाजिक वनीकरण विभाग के मुख्य वनसंरक्षक डब्ल्यू.आई. येटबन प्रमुख रूप से मौजूद थे।