गुरुवार रात 8.30 बजे की घटना
माहुर (नांदेड)। साढ़ेतीन शक्तिपिठों में से एक माहुर गढ़ की रेणुका माता है. इस गढ़ पर की 4 दुकानें कल 8.30 बजे अचानक जल गई. जिसमें 2 पुरी तरह खाक हो गई तो अन्य दो दुकाने आंशिक रूप से जल गई. आग की घटना का पता चलते ही जिससे लाखों रुपये की क्षति हुई है. इन लोगों का कोई बीमा भी नहीं होने की बात सामने आयी है. बिजली की दो तारों का एक-दूसरे से घर्षण होकर गिरी चिंगारी से यह दुकानें जल गई. जिससे 15 लाख का नुकसान होने का प्राथमिक अनुमान है. संजय दराड़े और रवि मुडाणकर की यह दो दुकानें पूरी तरह जलकर खाक हो गई तो वासुदेव भारती और गोपाल आराध्ये की दुकानें आंशिक रूप से जल गई. इस आग को देखते हुए इस दुकानों से सटे अन्य दुकानदारों ने उनके दुकान में का सामान बाहर फेंकना शुरू किया. जिससे मो. ईरफान मो. युसूफ और अवधूत मारगमवार का भी भारी नुकसान हुआ.
स्थानीय तहसीलदार डा. आशिष बिरादार, मंडल अधिकारी भंडारी, पटवारी बाबर ने घटनास्थल पहुंचकर क्षति का जायजा लेकर रिपोर्ट बनाकर एसडीओ दिलीप गाडग़े को सौंपी है. वनविभाग के अधिकारी नरोड, देशमुख ने घटनास्थल पहुंचकर निरीक्षण किया है. मगर समाचार लिखे जाने तक बिजली विभाग का कोई अधिकारी घटनास्थल नहीं पहुंचा था. उनके ही विभाग के वायर के घर्षण से निकली चिंगारी से यह घटना घटी है. समाचार मिलने पर पीएसआई गिरी, गेडाम, जाधव, नगराध्यक्षा गौतमी कांबले, पूर्व नगराध्यक्ष समर त्रिपाठी, राजेंद्र केशवे आदि ने आग बूझाने में सहायता की. घटना के समय तेज हवा नहीं होने से बड़ी आगजनी की घटना टल गई.