Published On : Wed, Jul 31st, 2019

तेंदुए की खाल के साथ 3 शिकारी गिरफ्तार

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अंधविश्‍वास की मार- पेंथर के चमड़े की पूजा कर धनवर्षा कराना था मकसद

गोंदिया: महाराष्ट्र के अंतिम शोर पर बसा गोंदिया जिला 40 प्रतिशत घने जंगल वनपरिक्षेत्र से घिरा है तथा इस जिले पर निसर्ग का वरदान है। नागझिरा अभयारण्य, नवेगांवबांध राष्ट्रीय उद्यान तथा व्याघ्र प्रकल्प के घने जंगलों में खुले में विचरण करते हुए यहां बाघ, तैदुए जैसे वन्यजीव सहज ही देखे जा सकते है।

घने वनक्षेत्र के भीतर वन्यजीवों के पेयजल हेतु झरनों के सूख जाने और कृत्रिम जलकुंभों में पानी का अभाव होने से प्यासे पशु आस-पास के गांवों के रिहायशी इलाकों का रूख करते है एैसे में कई मौकों पर विद्युत प्रवाहित तारों का जाल बिछाकर करंट द्वारा अथवा पानी में युरिया जैसा जहरीला प्रदार्थ मिलाकर दुर्लभ वन्यजीवों का शिकार करते हुए शिकारियों द्वारा चमड़ा (खाल), नाखून, दांत व अन्य अवशेषों की बिक्री महानगर अथवा अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक कर दी जाती है।

मंगलवार 30 जुलाई के रात 9 बजे गोंदिया वनविभाग अधिकारियों ने मुखबिर से मिली पुख्ता जानकारी के बाद सड़क अर्जुनी तहसील के नवेगांवबांध रेंज अंतर्गत आने वाले ग्राम बाक्टी निवासी मंगेश बडोले के घर छापामार कार्रवाई करते हुए लगभग 8 फिट लंबा और 5 फिट चौड़ा पेंथर (तेंदुए) का चमड़ा (खाल) बरामद की।

आरोपी की निशानदेही पर रेंज ऑफिसर श्री पाटिल, आरएफओ रोशन दोनोडे, एसीएफ नरेंद्र शेंडे तथा बाराभाटी के वनरक्षक मिथुन चौहान व अन्य वन कर्मचारियों ने विनोद रूखमोड़े (रा. कटकधरा), रविंद्र वालदे (रा. केसलवाड़ा) इन्हें भी धरदबोचा तथा तीनों आरोपियों से की गई प्रारंभिक पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि, तेंदुए के खाल की पुजा कर धनवर्षा कराने के मकसद से यह शिकारियों की टोली जुटी हुई थी तथा अंधविश्‍वास और अंधभक्ति द्वारा गांव के भोले-भाले लोगों को भी इस यज्ञ-पूजन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा था। आरोपियों के पास से बरामद चमड़ा कुछ वक्त पुराना है, तेंदुए की खाल इन लोगों के पास कहां से आयी? इसकी इन्क्वायरी वनविभाग की टीम कर रही है। बरामद खाल की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 10 लाख रूपये के आसपास हो सकती है?

मृत तेंदुए की खाल मे किसी गोली अथवा इंजेक्शन के निशान नहीं है, जिससे यह कयास भी लगाए जा रहे है कि, इस तेंदुए का शिकार पानी में जहर डालकर या फिर बिजली का करंट देकर किया गया होगा? बरामद चमड़ा ट्रिटेड स्कीन है , इससे यह भी संभावना बनी हुई है कि, मरे हुए पशु की इन शिकारियों ने जंगल में घुसकर कहीं खाल तो नहीं उतारी? बहरहाल पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 2/16, 2/36, 9, 39, 44, 48 ए, 49 बी, 50, 51 के तहत कार्रवाई की गई है इस बात की जानकारी देते गोंदिया वनविभाग के अधिकारी नरेंद्र शेंडे ने बताया, आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा तथा अदालत से पीसीआर हासिल करने के बाद उनकी रिमांड में पूछताछ की जाएगी जिससे कई और खुलासे हो सकते है तथा आरोपियों की संख्या भी बढ़ने की संभावना है।

रवि आर्य