नागपुर– लोकसभा चुनाव में दिए गए आश्वासन के अनुसार 15 लाख रुपए नहीं दिए, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले के खिलाफ रांची के कनिष्ट न्यायलय में याचिका दायर की गई है। इन तीनो पर जनता के साथ धोखाधड़ी और उनकी दिशाभूल करने का आरोप लगाया गया है।झारखण्ड उच्च न्यायलय के वकील और डोरण्ड के निवासी हरेंद्र कुमार सिंह इन्होने यह याचिका दाखिल कि है। इसपर न्यायिक दंडधिकारी अजय कुमार गुडिया के सामने इस मामले की सुनवाई हुई।
इस मामले में अब एक फरवरी को सुनवाई होनेवाली है। 2014 के लोकसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशो से काला पैसा लाकर सभी भारतीयों के खाते में 15-15 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। इसके साथ ही हरएक वर्ष 3 लाख नौकरियां देने का आश्वासन भी दिया गया था। भाजपा के घोषणापत्र में भी इसका उल्लेख था। ऐसा इस याचिका में कहा गया है।मोदी ने 7 नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ में यह आश्वासन दिया था।
लोगों को भ्रामक कर उन्होंने बहुमत हासिल किया था। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने भी यही आश्वासन दिया था। इसके बाद उन्होंने 5 फरवरी 2015 को एक चैनल के साथ बातचीत में कहा था की यह चुनावी जुमला था और चुनाव के लिए यह घोषणा की गई थी। ऐसा अमित शाह ने कहा था। इसके लिए शिकायतकर्ता ने 21 दिसंबर 2019 को अमित शाह के इंटरव्यू का हवाला भी दिया है।
आरपीआई नेता और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले पर भी ऐसा ही आरोप शिकायतकर्ता ने किया है। आठवले ने 18 दिसंबर 2018 को महाराष्ट्र के सांगली में जनता के साथ संवाद साधते हुए कहा था की काला धन आने के बाद लोगों को 15-15 लाख रुपए मिलेंगे ऐसा आश्वासन दिया था। जिसके कारण उन्होंने भी जनता को भ्रामक जानकारी दी है। ऐसा शिकायत में कहा गया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय से आरटीआई के माध्यम से जनता के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपए कब आएंगे ? ऐसा सवाल किया था। जिसपर आरटीआई के दायरे में यह प्रश्न नहीं आता है ऐसा जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दिया गया है।