Published On : Fri, Sep 7th, 2018

नागपुर की 11 महिला पर्वतारोहियों ने चूमा 22 हजार फीट ऊँचे पहाड़ की चोटी

Advertisement

नागपुर : कहते हैं हौसले बुलंद हो तो पहाड़ों को भी झुकाया जा सकता है. और ये हौसला नागपुर की उन 11 महिला पर्वतारोहियों ने दिखाया है जो बिमला नेगी देउस्कर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के सातवें सबसे ऊँचे पर्वत शिखर माउंट मनीरांग ( 21630 फीट) पर चढ़ाई कर रही थीं. टीम में कुल 19 भारतीय महिला पर्वतारोही शामिल थीं.

यह अभियान नई दिल्ली के भारतीय पर्वतरोहण संस्थान आईएमएफ के तत्वाधान में भारतीय महिला दल के 1993 में किए गए एवेरस्ट अभियान की रजत जयंती के अवसर पर किया गया था. केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय द्वारा पुरुस्कृत इस अभियान में शामिल महिला दल को केंद्रीय क्रीड़ा मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 6 अगस्त को रवाना किया था. यह जानकारी गुरुवार को पर्वतारोही बिमला नेगी देउस्कर ने पत्रकार भवन में आयोजित पत्र परिषद के दौरान दी.

उन्होंने इस दौरान बताया कि 1993 में भारतीय पर्वतारोहण संस्थान ने माउंट एवेरस्ट शिखर आरोहण का अभियान रखा था. भारत और नेपाल के इस संयुक्त अभियान ने 6 कीर्तिमान स्थापित किए थे. इस दल के कीर्तिमानों को देखते हुए भारत सरकार ने नीतिगत बदलाव कर राष्ट्रीय साहस पुरस्कार की शुरुआत की थी. प्रथम साहस पुरस्कार प्राप्त उन्हें दिया गया और रजत जयंती अभियान की कमान दी गई. उनका यह 20वां अभियान था. अपने अनुभव के बल पर 10 युवा महिला पर्वतारोही जो 1993 में एवेरेस्ट के लिए गए थे, ऐसी19 महिलाओ के विशाल दल का नेगी ने सफलतापूर्वक नेतृत्व किया. उन्होंने बताया कि पर्वतरोहण के क्षेत्र में 25 साल तक फिटनेस रखना और उसी उत्साह, उमंग और जोश से अत्यंत कठिन परिश्रम करना यह भी एक बड़ी बात होती है.

1993 के एवरेस्ट टीम से डिकी डोलमा, सविता मर्तोलिया, पद्मश्री अनीता, देवी और बिमला नेगी ने 25 अगस्त को दिन में 12 बजे 21630 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराया. यह चारों महिला पर्वतारोही 25 साल बाद मिलकर आरोहण कर रहे थे. हिमाचल के काझा क्षेत्र से अभियान की शुरुआत की. माने गांव से होते हुए पर्वतरोहियों ने बेस कैंप से ऊपर 4 पड़ाव रखे थे. अंतिम पड़ाव 20,400 फीट की ऊंचाई पर था. इस टीम का उद्देश्य नई पीढ़ी के पर्वतारोहियों की ऊर्जा और 3 दशक से पर्वतरोहण के अनुभवों का एक संगम था. जिससे की पर्वतारोहण के विशाल अनुभवों का लाभ नई पीढ़ी को मिल सके. यह पहली बार पर्वतारोहण में रजत जयंती ऊंची चोटी पर आरोहण के द्वारा मनाई गई.

नेगी ने बताया कि इस दल के अन्य सदस्यों में दिल्ली की रीता गोमभू मारवाह, मनाली से दीपू शर्मा भारद्वाज, राधादेवी, सिक्किम से शांति, मणिपुर से भानुमति, बिहार से सविता, सुप्रिया पश्चिम बंगाल से, तान्या और अनुजा वैद्य गुजरात से, देहरादून से अमीषा, दिल्ली से स्वाति और मध्य प्रदेश से भावना थी. राजीव शर्मा और कमांडेड बलदेव जो इस अभियान में 1993 में मार्गदर्शक थे. वे भी बेस कैंप तक आए थे. इस अभियान को कर्नल चव्हाण, आईएमएफ के चेयरमैन और खेल मंत्रालय के विभिन्न संघटनो ने बधाई दी है. नेगी ने कहा की यह गौरव की बात है की साहसिक खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में नागपुर अग्रणी हैं.