नागपुर : लॉजिस्टिक कंपनी के कर्मचारी भाइयों ने मालिक से 3.11 करोड़ रु. की ठगी की है. आर्थिक शाखा पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी मो. फरान उस्मान मलिक समाजभूषण सोसाइटी, जाफर नगर है. उसका भाई मो. आरिफ उस्मान मलिक फरार है.
राजनगर निवासी अमीन अजीज खारवा की वाड़ी स्थित प्राइम लॉजिस्टिक कंपनी को खारवा तथा उनका बेटा चलाते हैं. यह कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर लि. (एच.यू.एल.) को सेवाएं देती है. प्राइम लॉजिस्टिक एचयूएल के एफएमसीजी का उत्पाद करती है. आरोपी मलिक बंधु प्राइम लॉजिस्टिक में काम करते हैं. उन्होंने प्राइम लॉजिस्टिक कंपनी अमीर खारवा की दूसरी फर्म के फर्जी दस्तावेज बनाए. स्वारवा की कंपनी के नाम से मिलती-जुलती फर्जी फर्म बनाई. फर्जी फर्म में प्राइम लॉजिस्टिक तथा खारवा की दूसरी कंपनी की राशि ट्रांसफर की. खारवा की कंपनी में 130 से 140 कर्मचारी काम करते हैं.
मलिक बंधुओं ने कर्मचारियों के पीएफ तथा ईएसआईसी की राशि भी फर्जी फर्म में। ट्रांसफर कर 7 करोड़ 73 लाख 27 हजार 496 रुपए का गबन किया. मलिक बंधुओं ने 2013
से 2022 के दौरान इस गबन को अंजाम दिया
जून 2022 में खारवा को गबन का पता चला. उन्होंने मलिक बंधुओं से पूछताछ की मलिक बंधुओं ने रुपए लौटाने का वादा किया. उन्होंने खारवा को चेक तथा। आरटीजीएस के माध्यम से 4 करोड़ 62 लाख) 40 हजार 761 रुपए लौटाए.
स्वारवा को मलिक बंधुओं से 3 करोड़ 10 लाख 86 हजार 735 रुपए लेना बकाया था. यह राशि लौटाने पर मलिक बंधु टालमटोल करने लगे. खारवा ने आर्थिक शाखा में आर्थिक शाखा के शिकायत दर्ज कराई. आर्थिक शाखा ने जांच डीसीपी अर्चित के बाद वाड़ी थाने में धोखाधड़ी का मामला चांडक के मार्गदर्शन दर्ज कर मो. फरान मलिक को गिरफ्तार कर लिया. उसे पांच दिन की हिरासत में लिया गया है. बड़ी ठगी कर्मचारी बंधुओं की करतूत एक गिरफ्तार- दूसरा फरार
सूत्रों के अनुसार एच.यू.एल. की शिकायत पर खारवा की कंपनी तथा फरान मलिक के ख खिलाफ मुंबई की आर्थिक शाखा ने भी 30 करोड़ रु. की चा. धोखाधड़ी का ल मामला दर्ज किया है. में आर्थिक शाखा के च डीसीपी अर्चित ला चांडक के मार्गदर्शन कर में आर्थिक शाखा या प्रकरण की जांच कर रही है.