Published On : Thu, Aug 7th, 2014

वाशिम : युती टूटती है तो टूटे, रिसोड सीट नहीं छोड़ेंगे

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भाजपा ने दी धमकी, रिसोड बना जंग का अड्डा


भाजपा के रिसोड पर सेना, शिवसंग्राम का भी दावा


जिला संवाददाता / विनायक उज्जैनकर

वाशिम

bhavna gavli
मोदी लहर पर सवार होकर लोकसभा चुनाव में चमचमाती जीत दर्ज करने वाली महायुती में आपसी संघर्ष बढ़ने के आसार अब नजर आने लगे हैं. रिसोड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का परंपरागत क्षेत्र रहा है, लेकिन शिवसेना सांसद भावना गवली के मुताबिक रिसोड सीट पर उसका दावा है, वहीँ शिवसंग्राम के अध्यक्ष विनायक मेटे ने भी रिसोड पर अपना दावा ठोंक दिया है. जवाब में भाजपा ने भी कह दिया है कि भले ही युती टूट जाए, मगर रिसोड सीट नहीं छोड़ेंगे.

राज्य में भगवा फहराने का सपना
हाल में हुए लोकसभा चुनाव भाजपा, शिवसेना, रिपाई, स्वाभिमानी शेतकरी संघटना और राष्ट्रीय समाज पक्ष की महायुती ने मिलकर लड़ा था. मोदी इफ़ेक्ट के चलते महायुती की जोरदार खिचड़ी पकी. महायुती फिर उसी सपने को विधानसभा चुनाव में दोहराना चाहती है. पूरे राज्य में भगवा ध्वज फहराना चाहती है. लेकिन इसमें कुछ पेंच भी है. वाशिम जिले में महायुती के बीच तलवारें खिंच चुकी हैं. और निमित्त बन रहा है रिसोड.

इस बार हम मांगेंगे रिसोड
रिसोड पर तीनों दलों ने अपना-अपना दावा ठोंक दिया है. फ़िलहाल यहां भाजपा का कब्ज़ा है. अधि. विजय जाधव यहां से दो बार भाजपा के टिकट पर जीत चुके हैं. हालांकि, पिछले चुनाव और हाल में हुए उपचुनाव में वे हार गए थे. अधि. जाधव और भावना गवली की राजनीतिक शत्रुता के बारे में सब जानते हैं. शिवसेना के अनेक कार्यकर्ता रिसोड से विधायक बनने का सपना पाले हुए हैं. इसी के मद्देनजर सांसद गवली ने एक कार्यक्रम में कह दिया कि रिसोड सीट पर तो शिवसेना का दावा है.

जाधव की राह को कठिन बनाने की कोशिश ?
दरअसल, भाजपा-शिवसेना युती के जन्म से ही जिले की वाशिम और रिसोड सीट भाजपा के पास रही है और कारंजा सेना के पास. सवाल यह है कि जब शुरुआत से यही समीकरण चल रहा है तो भावना गवली अभी क्यों इस समीकरण को बदलना चाहती हैं ? जिले में चर्चा चल रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं की महत्वाकांक्षाओं को हवा देकर विजय जाधव के सामने एक प्रतियोगी खड़ा कर दिया जाए ? यह उनके विरोध में वातावरण बनाने की कोई कोशिश तो नहीं है ?

अपने-अपने सपने
एक तरफ सांसद गवली ने रिसोड निर्वाचन की मांग आगे की है वहीं महायुती के एक अन्य सहयोगी शिवसंग्राम के अध्यक्ष विनायक मेटे ने भी रिसोड पर दावा ठोंक दिया है. मेटे का रिसोड में तबसे संपर्क अभियान चल रहा है जब वे राकांपा में थे. उन्हें समझ में आ गया है कि बीड में उनकी दाल गलने वाली नहीं है. वाशिम जिले में डॉ. अरुणबाबा इंगोले के कार्यकर्ताओं पर सवारी कर विधायक बनने का उनका सपना भी किसी से छिपा नहीं है. उनका प्रयास इसी दृष्टि से जारी है.

मैं अपना रिसोड नहीं दूंगा
आगे जो हो, महायुती के दो सहयोगियों द्वारा एक ही सीट पर दावा ठोंकने से भाजपा और जाधव बेचैन जरूर हो गए हैं. जाधव ने अगर आवेश में, ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’ की तर्ज पर ‘मैं अपना रिसोड नहीं दूंगा’ का राग अलाप दिया तो विधानसभा चुनाव से पहले ही यहां युद्ध छिड़ जाएगा.