वाशिम
रिसोड तालुका के ग्राम वाकद की विवाहिता की आत्महत्या के मामले में प्रमुख जिला और सत्र न्यायाधीश वी. आर. सिकची ने महिला के आरोपी पति अमरदीप सिंह चौहान को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही पत्नी के रिश्तेदारों को नुकसान भरपाई के रूप में 50 हजार रुपए देने का आदेश भी दिया है.
मांग पूरी होने के बाद भी बंद नहीं हुई प्रताड़ना
खामगांव के गोपालसिंह सूर्यप्रकाशसिंह ठाकुर ने अपनी बहन राधा का विवाह 5 साल पहले वाकद के अमरदीपसिंह नारायणसिंह चौहान के साथ किया था. विवाह के एक साल तक तो सब-कुछ ठीक चलता रहा, मगर बाद में पति, ससुर और सास राधा को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे. वे उसे मोटरसाइकिल, घर के निर्माण-कार्य और होटल में फ्रीज लेने के लिए मायके से रुपया लाने के लिए प्रताड़ित करते थे. गोपालसिंह ने अपनी बहन के ससुरालवालों की मांग पूरी भी की. लेकिन राधा को प्रताड़ित किया जाना बंद नहीं हुआ.
नहीं हुई कुत्ते की दुम सीधी
इसके बाद गोपालसिंह अपनी बहन को अपने साथ खामगांव ले आए. अमरदीप सिंह वहां भी आ धमका और अच्छे से रखने का वचन देकर राधा को ले गया. लेकिन कुत्ते की दुम सीधी हुई नहीं. 17 नवंबर 2012 को अमरदीपसिंह ने उसकी मां के सामने राधा के साथ मारपीट की. उसके बाद 20 नवंबर 2012 को रात साढ़े 10 बजे अमरदीपसिंह ने गोपालसिंह को फोन कर कहा कि राधा की तबियत खराब है और उसे मेहकर में डॉ. गायकवाड़ के दवाखाने में भरती किया गया है.
रिश्तेदारों को देख भागा अमरदीपसिंह
गोपालसिंह अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ मेहकर पहुंचे. मगर तब तक राधा की मौत हो चुकी थी. रिश्तेदारों को देख अमरदीपसिंह मेहकर से भाग खड़ा हुआ था. गोपालसिंह ने बाद में इस मामले की शिकायत रिसोड पुलिस में की. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की और प्रकरण न्यायालय में दाखिल किया. प्रमुख जिला और सत्र न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद सजा सुनाई. इस मामले में कुल तीन आरोपी थे, मगर अदालत ने दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. इस मामले में सरकार की ओर से अधि. राजाभाऊ देशमुख और अधि. अरुण सरनाईक ने पैरवी की.