Published On : Fri, Dec 15th, 2017

मोर्चा निकाल बीआरएसपी ने दिखाई ताकत, जमकर गरजे सुरेश माने

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नागपुर: शुक्रवार को विधान भवन पर भाजपा सरकार का विरोध करने हेतु बीआरएसपी (बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी) की ओर से विशाल मोर्चे का आयोजन किया गया था. जिसमें हजारों की तादाद में पूरे राज्य भर से बहुजन, आदिवासी लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इस मोर्चे का नेतृत्व बीआरएसपी के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश माने ने किया. इस समय भाजपा सरकार के साथ कांग्रेस और राष्ट्रवादी सरकार पर भी माने ने जमकर निशाना साधा. माने ने कहा कि नागपुर का शीतसत्र 22 दिसंबर तक चलनेवाला है. सबसे कम समय का अधिवेशन इस बार का है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी पार्टियों के लिए बीच चौक पर स्टेज की अनुमति दी गई थी. लेकिन हमें मोर्चे की अनुमति के लिए काफी परेशान किया गया. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि रामदास आठवले जैसे लोगों को पार्टी में रखा गया. जिससे बाबासाहेब की घटिया औलाद कम हुई है. यह चमचों की सरकार है. उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पृथक विदर्भ की मांग करते थे. विदर्भवादी नेता कहकर भी मुख्यमंत्री ने लिखकर दिया था. उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 तक महाराष्ट्र राज्य पर 450 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा. माने ने कहा कि सरकार ने दलितों के 500 करोड़ और आदिवासियों के 1000 करोड़ रुपए चुरा लिए. उन्होंने कहा कि भविष्य में बेरोजगारी के चलते किसानों के साथ राज्य के बेरोजगार भी आत्महत्याएं करेंगे. अगर 2018 में पृथक विदर्भ नहीं बना तो वे बड़ा जनांदोलन करेंगे.


माने ने सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि उन्हें लाल बत्ती का शौक नहीं है. राज्य में बेरोजगारी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 35 एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज है. लेकिन यहां 42 लाख युवा बेरोजगार है. देश में करीब साढ़े पांच करोड़ युवा बेरोजगार हैं. प्रधामंत्री ने चुनाव से पहले कहा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां उपलब्ध कराएंगे. लेकिन साढ़े तीन साल में केवल 1 लाख 35 हजार नौकरियां ही सरकार ने निर्माण की है. राष्ट्रवादी के प्रमुख शरद पवार ने कुछ दिन पहले मॉरेस कॉलेज चौक पर सभा की थी. उसका जिक्र करते हुए माने ने कहा कि पवार कहते है कि किसानों के लिए उन्होंने आंदोलन किया, लेकिन कृषि मंत्री रहते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू क्यों नहीं की. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं ने जिला बैंकों को डुबो दिया है. नोटेबंदी करने को लेकर माने ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी के समय आरबीआई को भी विश्वास में नहीं लिया था. जबकि आरबीआई देश की एक बड़ी संस्था है. पेट्रोल, गैस सिलेंडर के मुद्दे पर भी उन्होंने सरकार को घेरा. अपनी 15 प्रमुख मांगों को इस दौरान सरकार के सामने उन्होंने रखा.


किनवट के पूर्व विधायक भीमराव गेडाम ने इस दौरान कहा कि हमारे आरक्षण को हमारे अज्ञान के कारण और हमारे असंगठित होने के कारण ही अब खतरा है. उन्होंने कहा कि हम अपना अधिकार मांग रहे हैं.

इस दौरान उत्तरप्रदेश से आए मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि मान्यवर कांशीराम के बाद सुरेश माने उभरता हुआ सितारा हैं. उन्होंने कहा कि इस सरकार में लोगों के सम्मान और जीने के अधिकार को खत्म किया जा रहा है.


इस मोर्चे में बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी को सहयोग देनेवाली पार्टियां और संगठन के नेता भी मौजूद थे. इस दौरान महाराष्ट्र प्रदेश के संयोजक सर्वजीत बंसोड़, विदर्भ राज्य के संयोजक दशरथ मड़ावी समेत अन्य नेता भी मंच पर मौजूद रहे.