Published On : Fri, Dec 15th, 2017

दिव्यांग और सिकलसेल मरीजों के प्रति भी सरकार नहीं है गंभीर


नागपुर: विधानभवन पर अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय विकलांग कल्याण संस्था और सिकलसेल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया की और से गणेश टेकड़ी रोड पर मोर्चा निकाला गया. इस दौरान शहर समेत जिले और राज्य के कई भागों के दिव्यांग इसमें मौजूद थे. इस मोर्चे का नेतृत्व राष्ट्रीय विकलांग कल्याण संस्था के अध्यक्ष त्रयम्बक मोकासरे ने किया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि पिछले 20 वर्षों से वे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने मांग की है कि ग्रामपंचायत से लेकर विधानसभा तक दिव्यांगों का नेतृत्व करनेवाले हमारे लोगों को मौका दिया जाए. उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के विकास के लिए 3 प्रतिशत निधि सरकार ने मान्य किया था और समाजकल्याण के माध्यम से उसे विकास में लगाया जाना था. लेकिन उसमे भारी भष्टाचार हो रहा है. इस निधि को अधिकारी वर्ग कहीं दूसरी ओर ही खर्च कर रहे हैं.

मोकासरे ने बताया कि दिव्यांग महिला के साथ शादी करने के बाद सरकार कुछ पैसे देती है. लेकिन कई लोग शादी तो करते हैं लेकिन पैसे लेकर भाग खड़े होते हैं. जिसके बाद उस महिला की जिंदगी बर्बाद हो जाती है. इसलिए उस महिला को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान होना चाहिए. मोकासरे का कहना है कि सरकार ने दिव्यांगों के लिए योजनाएं तो काफी बनाईं हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं किया जाता है.

Gold Rate
18 Oct 2025
Gold 24 KT ₹ 1,28,500 /-
Gold 22 KT ₹ 1,19,500 /-
Silver/Kg ₹ 1,70,500/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इनकी मांग है कि दिव्यांगों का स्वतंत्र विभाग होना चाहिए. विकलांग कल्याण नीति होनी चाहिए, दिव्यांग कृति प्लान बनाया जाए, दिव्यांग आयुक्त के पद पर दिव्यांग की नियुक्ति की जाए, दिव्यांगों को राजकीय आरक्षण दिया जाए, सभी दिव्यांगों को रोजगार देने की मांग के साथ ही अन्य मांगों को भी सरकार के सामने रखा.


इस समय सिकलसेल के सुनील धनवड़े ने कहा कि सिकलसेल के मरीजों को दिव्यांगों का दर्जा दिया जाए. सिकलसेल मरीजों को अपंगता प्रमाणपत्र दिया जाए. उन्होंने बताया कि एसटी बस में सिकलसेल के मरीज के साथ ही उसके एक सहयोगी को मुफ्त बस सेवा देने पर मुहर लगी थी. लेकिन अब तक बस सुविधा भी मरीजों को नहीं मिल पाई है. उस जीआर की मियाद भी अब समाप्त होने पर आई है. उस पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है.

Advertisement
Advertisement