बाजार समिति सभापति राकेश रत्नावार ने दिया आंदोलन को समर्थन
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स्थानीय एमआईडीसी परिसर में गत तीन वर्ष पूर्व शुरू हुई राजुरी स्टील कंपनी ने बिना किसी वजह के मजदूरों को हटा दिया है. इसके विरोध में 55 मजदूरों ने 25 जून को सुबह 8 बजे से आंदोलन शुरू किया है. तीन दिन बीतने के बाद भी कंपनी द्वारा आंदोलन को नजरअंदाज किया जा रहा है. शुक्रवार (27 जून) को यहां के बाजार समिति के सभापति राकेश रत्नावार ने आंदोलनस्थल पर आकर मजदूरों की समस्याएं हल करने का प्रयास किया.
काम भी दिया, हटा भी दिया
तालुका में पर्याप्त रोजगार उपलब्ध नहीं होने से अनेक बेरोजगार अन्य जिलों और परप्रांतों में काम के लिए भटक रहे हैं. यहां के एमआईडीसी परिसर में कुछ वर्ष पूर्व तीन बडे उद्योग शुरू किए गए. इन उद्योगों में तालुका के बेरोजगारों को काम मिलने की अपेक्षा थी. परंतु, स्थानीय बेरोजगारों की बजाय परप्रांतीय लोगों को बड़े पैमाने पर नौकरियां दी गईं. जिन स्थानीय बेरोजगारों को काम पर रखा गया उन्हें भी कंपनी प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व एक-एक करके निकाल दिया. बाकी मजदूरों को 14 मई को निकालने से मजदूरों के परिवारों पर भूखों मरने की नौबत आ गई है.
समझौता पर अमल नहीं
कामगारों को तुरंत काम पर वापस लेने की मांग को लेकर 55 मजदूरों ने 25 जून से आंदोलन की शुरुआत की है. कामगारों ने कामगार आयुक्त से शिकायत कर तत्काल काम पर रखने की मांग की है. कामगार संघटना के नेता प्रमोद मोहोड, कामगार संघटना के तालुकाध्यक्ष सुमित समर्थ और कंपनी के प्रतिनिधि के बीच 10 जून 2014 को समझौता होने के बाद भी मजदूरों को काम पर पूर्वरत नहीं रखा गया.
प्रबंधन से वार्ता
इस बीच शुक्रवार को कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सभापति राकेश रत्नावार आंदोलन स्थल पर पहुंचे और मजदूरों का पक्ष सुना. उसके बाद उन्होंने राजुरी स्टील कंपनी के संचालक मुंधडा के साथ चर्चा की. मजदूरों की मांगें तत्काल हल नहीं किए जाने पर कंपनी प्रशासन के खिलाफ मजदूरों के साथ आंदोलन करने की धमकी भी रत्नावार ने दी है.
आंदोलन जारी रखने का संकल्प
उधर, जब तक मजदूरों को काम पर वापस नहीं लिया जाता तब तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प कामगार संघटना के राकेश पुन्नावार, नामदेव नन्नावरे, हेमंतकुमार कुमरे, सुशांत आक्केवार, गौरव शामकुले, संतोष सहारे, संदीप ठाकुर, दीपक लाडवे, उमाजी खेडेकर, नवनाथ आलाम, सुचित राचेवार, प्रकाश दामपल्लीवार, राहुल नरूले ने
व्यक्त किया है.