Published On : Thu, Jul 17th, 2014

मूल : वनभूमि का खुलेआम अतिक्रमण जारी, अधिकारी मौन

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तालुका के अनेक गांवों में वन विभाग की जमीन पर मिट्टी की दीवारें बनाकर भूमिहीन नागरिक वनभूमि का अतिक्रमण कर रहे हैं. मिट्टी डालने के लिए बाकायदा चलाख और भेंडारे के ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है. दिनदहाड़े हो रहे इस अतिक्रमण की ओर से वन विभाग आंखें मूंदे बैठा है. चर्चा है कि इसमें वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है.

जिन गांवों के लोग अतिक्रमण कर रहे हैं उनमें ताडाला, तुकुम, हलदी, गोठनगांव, दगडतलाव, अंतरगांव और पारडवाही का समावेश है. दरअसल, वन विभाग को भी दो विभागों में बांटा गया है-बफर जोन और नॉन बफर जोन. आम नागरिकों की यह समझ में ही नहीं आता कि इनमें से बफर जोन कौनसा है और नॉन बफर जोन कौनसा. बस इसी का लाभ अतिक्रमणकारी उठा रहे हैं.

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उसी तरह, मूल वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जानाला में तीन लाख की लागत से एक बांध बनाने की मंजूरी दी गई है. वन विभाग के अधिकारियों ने इसका काम चिरोली के एक निजी ठेकेदार से दो लाख रुपए देकर करवा लिया. बाकी पैसों का क्या हुआ यह किसी को पता नहीं.

वन जमीन पर गिट्टी की लीज नहीं दी जा सकती. मगर वन विभाग ने ऐसा किया और वन जमीन पर गिट्टी के उत्खनन की लीज दे दी. ऐसे एक-दो नहीं, अनेक अवैध काम इन दिनों वन विभाग में हो रहे हैं, मगर कोई देखने वाला नहीं है. इससे वन विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. क्या वरिष्ठ अधिकारी इस तरफ ध्यान देंगे?

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