अस्पताल में उमड़ी भीड़, बच्चों को यवतमाल भेजा
चिकित्सक ने बिना इलाज किए किया रेफर, अभिभावक, जनता संतप्त
पांढरकवड़ा : कल शाम को पांढरकवड़ा में लगभग 15 बच्चों द्वारा गोलगप्पे खाने से उनकी हालत बिगड गई. जिसमें 2 से 3 बच्चों की हालत चिंताजनक हो गई है. इन सभी 15 बच्चों को पांढरकवड़ा के ग्रामीण अस्पताल में दाखिल किया गया, मगर वहां पर कार्यरत एकमात्र चिकित्सक डा. राजसिंग पवार ने इन सभी को जिला अस्पताल भेजने का फर्मान जारी कर दिया. जिससे इन बच्चों के रिश्तेदार संतप्त हो उठे.
इन बच्चों ने गोलगप्पे कहां खाये? इस बारे में पूछताछ करने पर पता चला कि, स्थानीय आखाडा वार्ड, छत्री वार्ड और खोजा कॉलनी में गोलगप्पे बेचनेवाले के पास से इन बच्चों ने खाये थे. इन गोलगप्पे के पानी में क्या मिलावट की गई थी? इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. इन तिनों स्थानों पर गोलगप्पे बेचनेवाले लोगों ने एक ही जगह गोलगप्पे और उसका पानी बनाया था. बाद में उसका बटवारा कर बेचने के लिए ले आये थे. जिससे यह बच्चे गोलगप्पे खाने के कुछ समय उपरांत बैचेन हुए और पलपल उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई.
जिलाधिकारी से शिकायत
इस मामले में उक्त चिकित्सक द्वारा इलाज न करते हुए, जिला अस्पताल रेफर करने के मामले की जिलाधिकारी सचिंद्र प्रताप सिंह से शिकायत करने पर उन्होंने इस मामले में सीएस राठोड़ को कहकर बच्चों के इलाज की व्यवस्था करवाने की बात कही. इस मामले में उक्त चिकित्सक पर कभी भी गाज गिर सकती है. बीमार बच्चों में सम्यक राहुल नरांजे (4), तृप्ति प्रमोद मुन (7), लिला रामभाऊ कुनघटकर (15), दामिनी मोरेश्वर महाजन (15), विक्की राजसिंग वर्मा (2), आभा देवेंद्र नक्षणे (5), स्वराज देवेंद्र नक्षणे (3), भार्गता रामचंद्र नरांजे (65), तन्वर शेख अब्दुल सऊफ (25), सोहल युनूस चव्हाण (12) आदि को पांढरकवड़ा के सरकारी अस्पताल तो अन्य 5 बच्चों को स्थानीय नीजि अस्पताल में दाखिल कराया गया है.