पवनी
अभी एक माह पहले ही उमरेड-करहांडल अभयारण्य पवनी के नागरिकों और पर्यटकों के लिए खोला गया है. 35 से 40 कि.मी परिक्षेत्र में फैले इस अभयारण्य का क्षेत्रफल करीब 500 हेक्टेयर है. अभयारण्य का लुत्फ़ उठाने के लिए अभी तक 70 से 80 चारपहिया वाहनों में यहां आए लोग बाघ का दर्शन कर चुके हैं. बाघ का नाम जय रखा गया है. इसके साथ ही दो बाघिन भी इस अभयारण्य में संचार कर रही हैं. अभयारण्य में तीन तेंदुओं का दर्शन भी पर्यटकों को हो रहा है. अभयारण्य में घूमने के लिए 32 कि.मी. का प्राकृतिक रास्ता भी तैयार है.
जय बाघ के साथ तेंदुआ, चीतल, मोर तथा अन्य वन्यप्राणियों और पक्षियों की किलबिलाहट से सारा जंगल गूंज रहा है. पर्यटकों के उचित मार्गदर्शन के लिए यहां 12 गाईड भी रखे गये हैं. इनमें सहदेव कांबली, सुमेध बोरकर, पंकज तलमले, महेश वरठी, अमित दड़मल, छगन डहारे, ईश्वर नारनवरे, रमेश जांभुले, मयुर घोडीचोर आदि शामिल हैं. अभयारण्य का आनंद द्विगुणित करने के लिए पर्यटकों को कुछ और सुविधाएं देने का कार्य जोरों से चल रहा है.