Published On : Fri, Aug 22nd, 2014

नवेगांव बांध : मत्स्यपालन सरकारी संस्था को नुकसान भरपाई देने की मांग

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सहाय्यक आयुक्त को दिया निवेदन

नवेगांव बांध

Navegaon bandh (muaavja)
पिछले साल हुई अतिवृष्टि से गोंदिया जिले के अनेक तालाबों में मत्स्यबीज औरबाकी चीज़ें बह गइ, जीसकी वजह से सहकारी मत्स्यसंस्था का नुकसान हुआ है. नुकसान भरपाई के लिए जिले के मत्स्यपालन सरकारी संस्था की ओर से मत्स्यविभाग के सहाय्यक आयुक्तों को निवेदन दिया गया. नुकसान भरपाई शासन की ओर से कब मिलती है इसकी ओर संस्था के सदस्यों का ध्यान लगा हुआ है.

पिछले साल हुई अतिवृष्टि से गोंदिया जिले के सिंचाई विभाग और जिप के मालकाना तालाब ओवरफ्लो होने से मत्स्यपालन सरकारी संस्था ने रखे हुए मत्स्यबीज, नए डाले हुए मत्स्यबीज पानी के साथ बह गये. साथ ही जाली, नाव और बाकी सामान का नुकसान हुआ था. नुकसान का पंचनामा तैयार करके संबंधित विभाग को प्रस्तुत करने का निर्देश भी शासन की ओर से दिया गया था. लेकिन सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी नुकसान भरपाई दी नहीं गयी. सिर्फ मत्स्यपालन केंद्रों को ही हेक्टर के हिसाब से 6,000 रु. की मदत की जानी चाहिये ऐसा निर्देश है. जिले में ऐसे 4-5 केंद्र है और वो भी शासन के मतलब शासन ही शासन की मदत करे और मत्स्यपालन सहकारी संस्था को हवे में छोड़ देने का यह निर्णय है. मच्छीमारी करने वाले लोगों को कर्ज निकाल कर लिज भरने और मत्स्यबीज डालने का समय आ गया है. लेकिन शासन को उससे कोइ लेना देना नहीं है.

इस वजह से सार्वजनिक हित ध्यान में रखते हुए नुकसान भरपाई दी जानी चाहिए अन्यथा संस्था के सदस्यों को रास्ते पर आने की नौबत आएगी.  नुकसान भरपाई की आशा के साथ निवेदन संघमैत्री मत्स्यपालन सरकारी संस्था के अध्यक्ष दिलवर रामटेके इनके नेतृत्व में सहाय्यक आयुक्त मत्स्यपालन गोंदिया को दिया गया. शिष्टमंडल में मंसु मारबते घोटी, वामन मेश्राम बोंडगाव, पारेश दुरुगवार सर्वाटोला, शालिकाराम शेंडे चन्ना आदि का समावेश था.